NCERT के किताब से बाहर हुए देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद

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देश के पहले शिक्षा मंत्री कौन थे और देश के प्रति उनका क्या योगदान था शायद ये जानकारी आपके पास हो. लेकिन आने वाले समय में छात्रों को इस जानकारी से दूर रखा जाएगा. दरअसल देश के पहले शिक्षा मंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद का नाम NCERT के किताबों से हटा दिया गया है. कक्षा 11वीं के राजनीति विज्ञान के पहले चैप्टर से मौलाना का नाम हटा दिया गया है.

चलिए थोड़ा विस्तार से जानते हैं. कक्षा 11वीं का किताब है राजनीति विज्ञान. पहले चैप्टर का नाम संविधान- क्या और कैसे. इस चैप्टर का एक भाग है जिसमें संविधान सभा के बैठक में  शिरकत करने वालों का जिक्र है. इस बैठक में मौलाना आजाद, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद और बीआर अंबेदकर मौजूद रहते थे.

लेकिन अब इस भाग से मौलामा आजाद का नाम हटा दिया गया है. आज अगर सिर्फ मौलाना आजाद की बात करें तो उनके नाम पर चल रहे मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप जो साल 2009 से चल रहा था. उसे भी पिछले साल बंद कर दिया गया. इस फेलोशिप में अल्पसंख्यक बच्चों को पांच साल तक मदद का प्रावधान था.

हालांकि, NCERT के किसाबों से और भी तथ्यों को हटाया गया है. जैसे कक्षा 11वीं के राजनीति विज्ञान के चैप्टर 10 से जम्मू कश्मीर का भारत में शर्त के साथ विलय. कक्षा 12वीं के राजनीति विज्ञान से ये भी हटा दिया गया जो महात्मा गांधी द्वारा हिंदू- मस्लिम एकता तो लेकर जो काम किया था और उस वक्त जो हिंदू चरमपंथी लोग थे वे लोग इस चीज से नाराज थे. इसको लेकर RSS जैसे संगठन बैन भी हुए थे.

इन सब पर NCERT के निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा कि बदलाव को लेकर आधिकारिक जानकारी देने में कुछ तथ्य भुलवश रह गए होगें. वैसे तो भाजपा के केंद्र कि सरकार पर ऐसे आरोप लगते आ रहे हैं कि वो किताबों में बदलाव इस लिए कर रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी का एक नया परसेपशन बनाया जा सके.

इससे पहले भी NCERT के किताबों से UP के कक्षा 10वीं की लोकतांत्रिक राजनीति-2 की पुस्तक से लोकतंत्र और विविधता, जनंसघर्ष और आंदोलन और लोकतंत्र की चुनौतियां वाला भाग किताब से हटा दिया गया है.

कक्षा 11वीं के इतिहास के किताब से   इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टरकाव और औद्दोगिक क्रांति का पाठ हटा दिया गया है. इतिहास के सा- साथ नागरिक शास्त्र की पुस्तक से अमेरिकी वर्चस्व और शीत युद्ध का चैप्टर को भी हटा दिया गया है.

वहीं, कक्षा 12वीं के इतिहास के किताब से मुगल चैप्टर हटाया गया है. साथ ही स्वंतत्र भारत में राजनीति की किताब से जन आंदोलनों का उदय और एक दल के प्रभुत्व का दौर वाला चैप्टर भी हटाया गया है. भारतीय इतिहास के कुछ विषय-2 से शासक और मुगल दरबार को हटा दिया गया है. अब आगे देखना होगा कि NCERT और किन टॉपिकस् को पाठ्यक्रम से हटाती है या कौन से ने टॉपिकस् जोड़ती है.