डॉ आंबेडकर सोच में अपने समय से काफी आगे थे: डॉ एससी दुबे

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Sunil Verma
रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि प्रखर राष्ट्रवादी डॉ बीआर आंबेडकर अपने समय से काफी आगे थे। सामाजिक कुरीतियों के खात्मे में और शिक्षा के महत्व को उजागर करने में उनके योगदान के लिए राष्ट्र हमेशा उनका कृतज्ञ रहेगा।कुलपति ने कहा कि देश के प्रथम कानून मंत्री भारतरत्न डॉ आंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे। भारतीयता के प्रतीक पुरुष डॉ आंबेडकर जातिगत एवं अन्य पूर्वाग्रह से मुक्त भारत के निर्माण के लिए आजीवन संघर्षरत रहे। वह एक ऐसा समाज चाहते थे जहां महिलाओं, कमजोर वर्गों और मजदूरों को समान अधिकार प्राप्त हों। उन्होंने समाज दर्शन को तीन शब्दों में निहित किया- स्वतंत्रता, समता एवं भ्रातृत्व, जिसकी स्थापना के लिए उन्होंने आधा दर्जन पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन और संपादन भी किया। एक जुझारू नेता, सुलझे हुए लेखक, अग्रणी अर्थशास्त्री, संपादक, शिक्षक, समाज सुधारक और संविधान लेखक के रूप में वह हमेशा याद किए जाएंगे। डॉ दुबे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित डॉ आंबेडकर जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।