फिल्म इंडस्ट्री की जोहराजबीं और खूबसूरत अदाकारा “अचला सचदेवा” किसी पहचान की मोहताज नहीं है. हिंदी सिनेमा की कई फिल्मों में नजर आईं इस अदाकारा ने साल 2012 में आज ही के दिन अंतिम सांस ली थी. साल 1965 में आई फिल्म ‘वक्त’ में बलराज साहनी की पत्नी की भूमिका निभाने वाली अचला ने हिंदी सिनेमा में अपने मां के किरदार से काफी शोहरत हासिल की हैं.
बता दें कि इस अदाकारा का जन्म 3 मई 1920 को पेशावर में हुआ था. यह एक भारतीय अभिनेत्री थी जो हिंदी भाषा फिल्म उद्योग की क्लासिक फिल्मों में दिखाई दी थी. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी. वह बाद में हिंदी फिल्मों में मां और दादी की भूमिकाओं के लिए जाने जानी लगी.
उनकी सबसे यादगार भूमिकाएं वक़्त (1965) में बलराज साहनी की पत्नी और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995) में काजोल की दादी के रूप में थीं. उन्होंने “कभी खुशी कभी गम” में भी शाहरुख खान की दादी का रोल निभाती नजर आईं थीं.
अचला इन फिल्मों में कर चूकी है अभिनय
अचला ने भारत के विभाजन से पहले ऑल इंडिया रेडियो, लाहौर और फिर दिल्ली ऑल इंडिया रेडियो में काम किया. अचला ने फैशनेबल वाइफ (1938) के साथ अपनी फिल्म की शुरुआत की, और 250 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने यश चोपड़ा की पहली प्रोडक्शन दाग: ए पोम ऑफ लव (1973) और चांदनी (1989) और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) जैसी फिल्मों से शुरुआत करते हुए कई यश राज फिल्मों में अभिनय किया है. मार्क रॉबसन की नाइन ऑवर्स टू रामा (1963) और मर्चेंट आइवरी की द हाउसहोल्डर (1963) जैसी अंग्रेजी फिल्मों में अभिनय के अलावा उनकी अन्य प्रसिद्ध फिल्में प्रेम पुजारी, मेरा नाम जोकर, हरे रामा हरे कृष्णा और अंदाज़ में वो नजर आ चूंकी हैं. हालाँकि, उनकी सबसे प्रसिद्ध भूमिका वक़्त (1965) में बलराज साहनी की पत्नी के रूप में बनी हुई है, जिसमें हिट गीत ऐ मेरी जोहरा जबीन उन पर चित्रित किया गया था.
अचला सचदेवा की आखिरी मूवी
अचला की आखिरी फिल्म ‘दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे’ थी. इस फिल्म में अचला ने काजोल की दादी का किरदार निभाया था. अचला सचदेव ने अपने करियर में कुल 250 से अधिक फिल्में की थीं.