दुनिया के सबसे उम्रदराज ओलंपिक चैंपियन चार्ल्स कॉस्ट का 101 वर्ष की आयु में निधन

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : दुनिया के सबसे उम्रदराज ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चार्ल्स कॉस्ट का 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। कॉस्ट ने 1948 लंदन ओलंपिक में साइक्लिंग टीम पर्स्यूट इवेंट में फ्रांस को स्वर्ण पदक दिलाया था। चार्ल्स कॉस्ट ने न सिर्फ फ्रांस, बल्कि पूरी दुनिया के खेल प्रेमियों के दिलों में अपनी अमर पहचान छोड़ी है। ओलंपिक्स.कॉम के अनुसार, उनका निधन 31 अक्टूबर, गुरुवार को हुआ। चार्ल्स कॉस्ट ने सर्ज ब्लुसॉन, फर्नांड डेकेनाली और पियरे एडम के साथ मिलकर यह ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीता था। वह पिछले वर्ष पेरिस ओलंपिक 2024 के उद्घाटन समारोह में दूसरे अंतिम मशालवाहक के रूप में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने मशाल पांच बार के ओलंपिक जुडो चैंपियन टेडी रिनर को सौंपी थी।

खेल के हर रूप में प्रतिबद्धता, सम्मान और प्रेम का उदाहरण पेश किया : कॉस्ट का जन्म 8 फरवरी, 1924 को ओलियूल्स (फ्रांस के वर क्षेत्र) में हुआ था। बचपन से ही उन्हें खेल और साइक्लिंग के प्रति गहरा लगाव था। उन्होंने 1947 में फ्रांस के राष्ट्रीय पर्स्यूट चैंपियन का खिताब जीता और अगले ही वर्ष ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया। उस टूर्नामेंट में फ्रांस ने सेमीफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को और फाइनल में इटली को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। कॉस्ट जनवरी 2025 में हंगरी की जिम्नास्ट एग्नेस केलेटी के निधन के बाद से दुनिया के सबसे बुजुर्ग जीवित ओलंपिक चैंपियन बन गए थे। ओलंपिक में पांच बार के जूडो चैंपियन टेडी रिनर, जिन्हें कोस्टे से ओलंपिक मशाल प्राप्त हुई थी ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “चार्ल्स कॉस्ट अब हमारे बीच नहीं रहे। मुझे 2024 पेरिस ओलंपिक में उनसे ओलंपिक मशाल ग्रहण करने का सम्मान मिला था। वह क्षण खेल के प्रति उनके जुनून और समर्पण का प्रतीक था। चार्ल्स कॉस्ट ने खेल के हर रूप में प्रतिबद्धता, सम्मान और प्रेम का उदाहरण पेश किया। उनका करियर प्रेरणादायक रहा है और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”

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