नवनिर्माण के संकल्पों को पूरे कर स्वशासन से सुशासन लायेंगेः सुदेश कुमार महतो
रांची: शासन कमजोर, गैरजवाबदेह, भ्रष्टाचार में संलिप्त हो और बेलगाम प्रशासन के हाथों खेलता हो, आम आदमी, पंच, गांव की चौपाल की सत्ता में भागीदारी नहीं हो, तो वहां सुशासन की बात बेमानी होगी। सुशासन और स्वशासन में आम सहमति, जवाबदेही महत्वपूर्ण होता है। हम और हमारी पार्टी ने नवनिर्माण के नौ संकल्पों के साथ स्वशासन से सुशासन का लक्ष्य रखा है। इसमें झारखंडी हक और अधिकार सुनिश्चित किये जायेंगे। राज्य के सपनों को जगाने के लिए आजसू पार्टी आगे बढ़ चुकी है। महाधिवेशन के आखिरी दिन अपने संबोधन में आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने ये बातें कही। इससे पहले केंद्रीय समिति के चुनाव को सर्वसम्मति से सुदेश कुमांर महतो को एक बार पार्टी का केद्रीय अध्यक्ष चुना गया। चुनाव पर्यवेक्षक की भूमिका डोमन सिंह मुंडा ने निभायी। उमाकांत रजक ने सभा के समक्ष सुदेश कुमार महतो का नाम रखा, जिसे सभी सदन ने ध्वनिमत से समर्थन किया। कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने गर्मजोशी से अध्यक्ष का स्वागत किया।
अपने संबोधन में सुदेश कुमार महतो ने कहा कि सुशासन से मेरा मतलब झारखंडी विचारों, विषयों, आम सहमति, जवाबदेही, उत्तरदायी का अनुसरण और आम आदमी को सत्ता का भागीदार बनाना होगा। सामाजिक न्याय और विकास आधारित होगा। उन्होंने कहा कि गिव एंड टेक की पॉलिटिक्स करने वालों को हमारे महाधिवेशन और विचार मंथन का समझ नहीं हो सकता। राजनीतिक परिदृश्य परतंत्र भारत में स्वतंत्रता संग्राम का उद्गम स्थल आज का झारखंड वर्तमान समय में राजनीतिक भटकाव आर्थिक ,दिशाहीनता, प्रशासनिक कुव्यवस्था , टूटते भरोसे, डूबते उम्मीदें एवं बिखरते सपनों का खंडहर प्रदेश बन गया है। इस अधिवेशन में राजनीतिक समूह ने राजनीतिक परिदृश्य में उपजे शून्यता में आजसू की भूमिका एवं जिम्मेदारी पर गहन मंथन किया। मुख्य राजनीति उद्देश्य पिछले, दलितों एवं अल्पसंख्यकों को राजनीतिक और सामिजक तौर पर उनका वाजिब हक दिलाना तथा सत्ता तथा शासन में जनसंख्या के अनुपात में उनके हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है।
आजसू दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक के सामाजिक आधार के दम पर झारखंडी अस्मिता एवं पहचान को पुनर्स्थापित करने के लिए संघर्ष करेगा तथा अपने संगठनात्मक ढांचों में हर स्तर पर दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं पिछड़े वर्ग का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए युवाओं एवं महिलाओं को गोल बंद कर समाज के सभी वर्गों के सहयोग से स्वशासन से सुशासन तक के समाज एवं व्यवस्था परिवर्तन का आंदोलन प्रारंभ करेगा।
मेरा एजेंडा गांव, चौपाल, पंच और युवा शक्ति
आजसू प्रमुख ने कहा कि मेरा एजेंडा गांव चौपाल और पंच है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य का बंटवारा सिर्फ भोगोलिक हिस्सेदारी के लिए नहीं था। अलग राज्य हासिल करने के पीछे झारखंडी अस्मिता, वजूद, जल, जंगल, जमीन की रक्षा और मूलवासियों के हितों को सुरक्षित करना था।
- झारखंड नवनिर्माण के लिए नौ संकल्प
उन्होंने नवनिर्माण समागम के नौ संकल्पों पर वचनबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि आजसू पार्टी यह संकल्प लेती है कि झारखंडी मूलवासियों को उनका हक अधिकार हर हाल में दिलाना सुनिश्चित करेगी। रोजगार मुखी कृषि, उद्योग, खनन, निर्माण, पर्यटन एवं पर्यावरण के संरक्षण और संवधर्न के लिए काम किये जायेंगे। सामाजिक न्याय, राजनीतिक भागीदारी, महिला सशक्तिकरण, एवं जातीय जनगणना के लिए हर मोर्चे पर मुखर रहेंगे।
उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, स्वशासन – पंच (ग्राम सभा) और पंचायतीराज, प्रशासनिक सुधार, भ्रष्टाचार उन्मूलनस विधायिका में सुधार, विधान, स्थानीय नीति, नियोजन नीति, युवा नीति, भाषा, संस्कृति और अस्मिता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमने राज्य के भविष्य और आने वाली पीढ़ियों के वास्ते रोडमैप तैयार कर लिया है। गाँव का विकास गांव वाले तय करेंगे, दफ्तरों में बैठने वाले साहब नहीं। ऐसी शासन व्यवस्था लाएंगे जहां अधिकारी गांव में जा कर काम करेंगे, ग्राम सभा के साथ मिल कर काम करेंगे।
- आजसू का हर एक कार्यकर्ता निर्माणकर्ता
आजसू का एक- एक कार्यकर्ता हमारा लीडर है और राज्य का निर्माणकर्ता। हर कार्यकर्ता को राजनीति उद्देश्य नहीं सेवा मुख्य उद्देश्य बनाना होगा। कार्यकर्ता गांव के लोगों की समस्या को सुनना उनके हित के लिए काम करना सबसे पंसदीदा काम बनायें। हम गठबंधन करेगे, लेकिन यह राज्य की अस्मिता पर नहीं होगा। - पढ़ाई दवाई और न्याय
उन्होंने कहा कि अधिकतर स्कूल एक टीचर के भरोसे चल रहा है। राज्य के वर्तमान और भविष्य दोनों को बर्बाद कर रही है सरकार। सरकारी मेडिकल संस्थान को कमजोर कर निजी मेडिकल हॉस्पिटल को मजबूत करने का काम कर रही है। एक एक गांव से आंदोलन शुरू करना है, क्रांति आएगी आपकी मेहनत से राज्य का नया रूप तैयार होगा। आगे हम अपने लाखों चूल्हा प्रमुखों से मिलने काम शुरू करेंगे चौपाल में बैठ कर चर्चा करेंगे।