Eksandeshlive Desk
पश्चिमी सिंहभूम : जिले में एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है, जहां आदिवासी ‘हो’ समाज में एक ही किली (गोत्र) के भीतर विवाह को पापपूर्ण और समाज विरोधी माना जाता है। इसी परंपरा के उल्लंघन का ताजा मामला जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के लखीपाई गांव और टोंटो थाना क्षेत्र के पदमपुर गांव के बीच सामने आया है। लखीपाई के एक युवक और पदमपुर की एक युवती दोनों लागुरी किली से संबंध रखते हैं। दोनों के बीच प्रेम संबंध विवाह में बदल गया। युवती के गर्भवती होने के बाद यह मामला उजागर हुआ, जिससे दोनों गांवों में हड़कंप मच गया।
दोनों परिवारों ने समाज के समक्ष अपने बच्चों की गलती स्वीकार की : घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने समाज के मानकी-मुण्डा और संगठन के प्रतिनिधियों को सूचित किया और मंगलवार को लखीपाई गांव में विशेष बैठक बुलाई गई। बैठक में इलाका मानकी, तुर्ली मानकी, दोनों गांवों के मुण्डा, दियुरी तथा ‘हो’ समाज युवा महासभा के पदाधिकारी उपस्थित थे। दोनों परिवारों ने समाज के समक्ष अपने बच्चों की गलती स्वीकार की। समाज ने परंपरा के अनुसार सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि युवक और युवती को गांव और समाज से आजीवन के लिए बहिष्कृत किया जाए। यह भी तय हुआ कि समाज की मर्यादा को बहाल करने के लिए गांव का शुद्धिकरण अनुष्ठान किया जाएगा। इस दौरान बोंगा-बुरु की परंपरा के तहत मुर्गा-बकरी की बलि दी गई और सामूहिक रूप से समाज से क्षमा याचना की गई।
युवक और युवती बैठक से पहले ही गांव छोड़कर फरार हो गए थे : बहिष्कार के फैसले के बाद दोनों परिवारों के सदस्यों ने समाज की परंपरा निभाते हुए मुंडन किया और कहा कि वे भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं होने देंगे। बताया गया कि युवक और युवती बैठक से पहले ही गांव छोड़कर फरार हो गए थे। ‘हो’ समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने कहा कि इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जिससे समाज की छवि धूमिल होती है। उन्होंने लोगों से सामाजिक मर्यादा का पालन करने और युवाओं को जागरूक करने की अपील की। बैठक में ग्रामीण मुण्डा जामदार लागुरी, इलाका मानकी रामचंद्र लागुरी, तुर्ली मानकी दीपक लागुरी, पदमपुर मुण्डा गुलिया लागुरी, जिला सचिव ओयबन हेम्ब्रम, अनुमंडल उपाध्यक्ष पुतकर लागुरी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
