बडकागांव : एनटीपीसी पंकरी बरवाडीह कोल माइन्स बडकागांव के डिसपैच सेक्शन के सीनियर मैनेजर शुबम बसाक ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है इनके काम की तारीफ कंपनी के अंदर तो है ही, कंपनी के बाहर भी यह अलग प्रकार के कार्यों के लिए मशहुर हैं , जैसे पहाड़ पर चढ़ना , बर्फीले क्षेत्रों के प्रतिकूल परिस्थिति में प्रकृति के बीच रोमांच को महसूस करना ’ पीछले दिनों शुबम बसाक पेनेनसुला अंटार्टिका गए थे जो अर्जेंटीना में स्थित है ’ वहां 15 दिन रहकर एक अलग प्रकार का अनुभव हसिल करके लौटे पेनेनसुला अंटार्टिकाह्ण महाद्वीप में पड़ता है ,जो लगभग सालों भर बर्फ की मोटी चादर से ढका रहता है और यहां का तापमान माइनस से माइनस 20 डिग्री सेलसीउस तक बना रहता है, अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे दक्षिणी महाद्वीप है, जहाँ दक्षिणी ध्रुव स्थित है, और यह दुनिया का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवा वाला महाद्वीप है. ऐसे प्रतिकूल परिस्थिति में वहां एक दिन बिताना मुश्किल है, और शुबम बसाक ने वहां 15 दिन बिताया, हालाँकि इस आइस एक्सपीडिशन ट्रिप में उन्होंने पुरे 20 दिनों का समय बिताया, 6 मार्च को निकले थे और 25 मार्च को लौटे ’ इन्होने 10 दिन लगातर लगभग 300 किलोमीटर बर्फ में पैदल चला, 20 दिनों की इस आईस रोमांच ट्रिप में उन्होंने लगभग 2000 किलोमीटर फ्लाइट से यात्रा की ,लगभग 2000 किमीङ्म पानी जहाज से यात्रा किया और लगभग 300 किलोमीटर पैदल बर्फ पर चला तब जाकर अंटार्टिका के ब्राउनबफ नमक स्थान पर पहुंचे और अपने रोमांच का अनुभव किया ’ आपको बता दें साल भर बमुश्किल दो बार ही ब्राउनबफ में लोगों को जाने की अनुमति मिलती है शुबम बसाक जिस ग्रुप में गए थे उसमें कुल 48 लोग थे जिसमे महिला व पुरुष दोनों शामिल थे, 48 लोगों के इस ग्रुप में इंडिया से मात्र दो लोग ही थे जिसमें एक एनटीपीसी पंकरी बरवाडीह के डिसपैच सेक्शन के सीनियर मैनेजर्स शुबम बसाक और दुसरा सागर उद्दासिन जो मुंबई के रहने वाले हैं और एक प्राइवेट टीचर हैं, इन दोनों लोगों के अलावा बाकी सभी विदेशी थे ’ अर्जेंटीना में स्थित यह बर्फीला क्षेत्र ब्राउनबफ ,जहां साल में केवल दो बार ही ग्रुप में जा सकते हैं, इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है, फिर एक्जाम होती है और कई दौर के फिटनेस टेस्ट पास करने के बाद वहां जाने की अनुमति दी जाति है ’ आपको बता दें शुबम बसाक कोलकाता के बैरकपुर के रहने वाले हैं , इससे पहले ये 2024 में हिमाचल के फ्रेंडशिप पिक (पर्वत) जो समुद्र तल से 5290 मीटर ऊंचा है वहां 14 दिन बिताये और पर्वत पर चढने का अनुभव पाप्त किया ’ इससे पहले 2023 में माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप में जो समुद्र टल से 5600 मीटर ऊंचा है 10 दिन गुजार चूके हैं शुबम बसाक के सीनियर ने बताया की शुबम काफी मेहनती हैं, कंपनी में भी पुरी लगन से काम करते हैं ’ शुबम बसाक से एक संदेश के पत्रकार रंजन कुमार ने जब यह पूछा की आप इस प्रकार के प्रतिकूल परिस्थिति वाले जगहों पर जाकर अपना जान जोखिम में क्यों डालते हैं, तो उनका जवाब था, मुझे प्रकृति से प्रेम है और प्रकृति की गोद में जाकर रोमांच भरा अनुभव हसिल करने में मुझे सुकून मिलता है , उन्होंने कहा मेरी दिल से इच्छा है, की मैं एक दिन यूरोप के एल्ब्रुस पिक जो रुस में स्थित है
