Eksandeshlive Desk
रांची : ‘एक्वाफीड प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी एंड फीडिंग मैनेजमेंट फॉर फ्रेश वाटर फिशेज’ विषयक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए झारखंड के मत्स्य कृषकों का 26सदस्यीय दल शनिवार को मुम्बई रवाना हुआ। इस दल का नेतृत्व मत्स्य प्रसार पदाधिकारी मंजू तिर्की कर रही हैं। दल में रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, गिरिडीह गुमला, पलामू, गोड्डा, देवघर तथा साहेबगंज के मत्स्य कृषक भाग शामिल हैं। इनका प्रशिक्षण 4-8 मार्च तक मुम्बई में चलेगा।
इस संबंध में मत्स्य विभाग के निदेशक डॉ.एचएन द्विवेदी ने बताया कि राज्य में संचालित कल्याणकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से मत्स्य उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है। इससे यहां स्थानीय स्तर पर मत्स्य आहार की आवश्यकता देखी जा रही है। आहार देने से मछलियां कम समय में ज्यादा तेजी से बढ़ती है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संम्पदा योजना अन्तर्गत फीड मिल स्थापित किये जा रहे हैं। कृषकों को तकनीकी ज्ञान तथा स्थानीय पूरक सामग्रियों से फीड बनाने के तरीके जानने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने मुंबई भेजा गया है। ताकि मत्स्य आहार का उत्पादन कर राज्य को मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। फीड बनाने में मुख्य तौर पर धान का कोढ़ा, मक्का, सरसों खल्ली, मूंगफली खल्ली, सोयाबीन खल्ली आदि सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुम्बई के निदेशक तथा वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए डॉ. एचएन द्विवेदी, निदेशक मत्स्य, झारखंड ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण से तकनीकी जानकारी के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों से मत्स्य आहार बनाकर सस्ते दर पर किसानों को फीड उपलब्ध हो सकेगा तथा अधिक से अधिक लोग मात्स्यिकी गतिविधियों से जुड़ सकेंगे। उक्त जानकारी मुख्य अनुदेशक प्रशांत कुमार दीपक ने दी।