Eksandesh Desk
गुमला : गुमला जिले के लिए यह एक गौरवपूर्ण क्षण है कि गुमला जिला मत्स्य कार्यालय को “2nd Sustainable Agriculture Summit & Awards 2025” के अंतर्गत फिशरीज, डेयरी और लाइवस्टॉक में नवाचार श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार विशेष रूप से महिला नेतृत्व के अंतर्गत मात्स्यिकी में नवाचार के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लाए गए परिवर्तन के लिए प्रदान किया गया, जो जिले में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
यह सम्मान जिला मत्स्य पदाधिकारी श्रीमती कुसुम लता को नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि उपायुक्त गुमला प्रेरणा दीक्षित के नेतृत्व, सहयोग और सतत मार्गदर्शन का प्रतिफल है। जिले के मत्स्य कृषकों, महिला स्वयं सहायता समूहों और संबंधित विभागों के सामूहिक प्रयासों ने गुमला को मत्स्य पालन क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
गुमला में महिला नेतृत्व के अंतर्गत मत्स्य पालन को आजीविका और आत्मनिर्भरता का प्रभावशाली साधन बनाया गया है। महिला समूहों द्वारा संचालित मत्स्य इकाइयों के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही हैं। यह नवाचार न केवल रोजगार सृजन का माध्यम बना है, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी कारक बन रहा है।
उल्लेखनीय है कि गुमला जिले के मत्स्य कृषक निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री द्वारा गुमला के मत्स्य किसानों की सराहना की गई थी। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि गुमला के किसान न केवल स्थानीय या राज्य स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय मंच पर भी अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने इस अवसर पर सभी मात्स्यिकी क्षेत्र के किसानों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुमला जिले का उद्देश्य है कि महिलाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ाते हुए मात्स्यिकी क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध किया जाए तथा सतत नवाचार के माध्यम से मात्स्यिकी क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित किए जाएं।