हूल दिवस पर लाठीचार्ज की दमनकारी घटना हेमंत सरकार के पतन का कारण सिद्ध होगी : बाबूलाल

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Eksandeshlive Desk

रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भोगनाडीह में हूल दिवस के दिन आदिवासी समाज के ऊपर हुए बर्बर लाठीचार्ज की घटना की कड़ी निंदा की है। मरांडी ने सोमवार को कहा कि जिस तरह वीर सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो ने हूल क्रांति के माध्यम से अंग्रेजी सत्ता की नींव हिला दी थी, उसी तरह आज भोगनाडीह में लाठीचार्ज की दमनकारी घटना हेमंत सरकार के पतन का कारण सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि हूल दिवस के पावन अवसर पर भोगनाडीह में पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग की घटना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बर्बर कार्रवाई में कई ग्रामीण घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि साहिबगंज एसपी से दूरभाष पर पूरी घटना की जानकारी मिली है।

भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं को गठबंधन की सरकार में लगातार बनाया जा रहा निशानाः मरांडी ने कहा कि आज की यह बर्बरता अंग्रेज़ी हुकूमत के दौर की यादें ताज़ा कर दी है। हूल क्रांति की भूमि पर, छह पीढ़ियों के बाद एक बार फिर सिद्धो-कान्हू के वंशजों को अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध सड़क पर उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि दरअसल, घुसपैठियों की गोद में बैठी राज्य सरकार नहीं चाहती कि झारखंड का आदिवासी समाज अपने पुरखों की वीरगाथाओं और बलिदानों से प्रेरित होकर अपनी अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित हो। लेकिन सरकार की यह साजिश कभी सफल नहीं होगी। मरांडी ने कहा है कि आदिवासी समाज के भाइयों, विशेष रूप से भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं को झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में लगातार निशाना बनाया जा रहा है। मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर सोमवार को लिखा है कि हमारे भाजपा परिवार के सदस्य खूंटी जिला निवासी बलराम मुंडा की नृशंस हत्या अत्यंत पीड़ादायक है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। इस दुःखद घड़ी में प्रदेश भाजपा पूरी तरह से शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा है कि झारखंड पुलिस दोषियों को अविलंब गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करें।

हेमंत का आदिवासी विरोधी चेहरा हुआ बेनकाब : भोगनाडीह में सिद्धो-कान्हू को श्रद्धांजलि देने जा रहे आदिवासी समाज के लोगों पर पुलिस के लाठीचार्ज ने हेमंत सोरेन सरकार के आदिवासी विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया है। यह बातें सोमवार को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने एक बयान में हीं। उन्होंने कहा कि हूल दिवस के अवसर पर, जब आदिवासी समाज भोगनाडीह, दुमका में अपने महान नायकों सिद्धो-कान्हू की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए शांतिपूर्वक एकत्र हुए थे, ऐसे में राज्य सरकार ने अपनी क्रूरता और आदिवासी विरोधी नीतियों का निंदनीय प्रदर्शन किया। सिद्धो-कान्हू की पवित्र जन्मभूमि पर, जहां आदिवासी समाज अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का सम्मान कर रहा था, वहां सरकार के इशारे पर पुलिस ने निहत्थे आदिवासियों पर बर्बर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। यह कृत्य न केवल अमानवीय है, बल्कि हेमंत सरकार की आदिवासियों के प्रति कथित सहानुभूति की पोल खोलता है। नायक ने कहा कि हूल क्रांति की धरती पर आदिवासियों के शांतिपूर्ण आयोजन को कुचलना और उनके सम्मान पर हमला करना, अंग्रेजी शासन की याद दिलाता है। हेमंत सरकार, जो आदिवासी हितों की रक्षा का दावा करती है उसने अपने दोगले चरित्र को उजागर किया है। यह घटना आदिवासी समाज की गरिमा और उनके अधिकारों पर सीधा हमला है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।