बालासोर से पहले भी देश में हुए हैं भीषण ट्रेन हादसे, सैंकड़ों लोगों ने गवाई थी जान

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2 जून को ओडिशा के बालासोर में बेहद ही भायवह रेल हादसा हुआ. इस हादसे को भारत की आजादी से अब तक के सबसे बड़े रेल हादसों में से एक माना जा रहा है. रिपोर्ट्स बता रहे हैं कि अब तक इस हादसे में 288 लोगों की जान चली गई है. वहीं 900 से भी अधिक लोग गंभीर रुप से घायल हैं. घटनास्थल पर लगातार तेजी से काम किए जा रहे हैं ताकि फिर से रेलों का परिचालन शुरू किया सके. 3 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बालासोर पहुंचे थे और घटनास्थल का जायजा लिया. आपको बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब भारत में भीषण रेल हादसा हुआ है. आजादी के बाद से अब तक अनेकों बार भारतीय रेल भयानक हादसों का शिकार होती रही है.

तारीख 6 जून साल 1981,इसी दिन भारतीय इतिहास का सबसे भयावह ट्रेन हादसा हुआ था. बिहार में तूफान के कारण बागमती पुल को पार करते हुए गाड़ी संख्या 416dn पैसेंजर ट्रेन नदी में गिर जाती है और इस ट्रेन हादसे में 750 लोगों की जान चली जाती है. वहीं, इस हादसे में 1 हजार से भी अधिक लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे. इस घटना को लेकर यह भी दावा किया जाता है कि कई लोगों के शव तो बरामद ही नहीं हुए थे.

वहीं, एक और बड़ा ट्रेन हादसा 20 अगस्त, 1995 को हुआ, उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, हादसे का शिकार हो गई. बता दें ट्रैक पर खड़ी हुई कालिंदी एक्सप्रेस से पुरुषोत्तम एक्सप्रेस टकरा गई थी. इस हादसे में लगभग 305 लोगों की मौत हुए थी और 200 से अधिक घायल हुए थे.

2 अगस्त, 1999 को गैसल ट्रेन हादसा हुआ. यह हादसा तब हुआ जब ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर स्थिर अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई. इस हादसे में 285 से अधिक लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे. इस हादसे की सबसे दुखद बात ये थी कि पीड़ितों में से कई सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान भी शामिल थे.

वहीं, 26 नवंबर 1998 को भी एक भयानक रेल हादसा हुआ था. जिसमें 160 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर दिल्ली से अमृतसर की तरफ जा रही फ्रंटियर मेल खन्ना रेलवे स्टेशन से थोड़ी आगे कौड़ी गांव के पास पहुंची थी तो गाड़ी की तीन बोगियां पटरी से उतरकर दूसरे ट्रैक पर जम्मू से आ रही सियालदह एक्सप्रेस के आगे आ जाती है, दोनों एक्सप्रेस गाड़ियों में 2500 के करीब यात्री सवार थे.
वहीं, एक और घटना 28 मई 2010 को हुई थी. मुंबई जाने वाली ट्रेन जनेश्वरी एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल में झारग्राम के पास पटरी से उतर गई और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिसमें 148 यात्रियों की मौत हो गई थी.