गिरिडीह : डायन बताकर महिला की पिटाई और मैला पिलाने की कोशिश, जानिए पूरा मामला

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डायन तीन अक्षरों का यह शब्द, इसका तमगा अगर किसी महिला या पुरुष पर लग जाए तो समझिए या तो उसे पीट-पीटकर मार दिया जाएगा या उसे काफी बेरहमी से प्रताड़ित किया जाएगा. वैसे तो केंद्र से लेकर राज्य की सरकारें, इसे खत्म करने के तमाम वादे करती है. मगर, जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. आए दिन महिलाओं को डायन बताकर हत्या और उसे प्रताड़ित करने की खबरे आती रहती हैं. वहीं, बात अगर झारखंड की करें तो आदिवासी बहुल राज्य होने के बावजूद इस राज्य में सबसे ज्यादा प्रताड़ित आदिवासी महिलाएं ही होती है.

ताजा मामला गिरिडीह के जमुआ का है. जहां एक महिला को डायन बताकर मारपीट और निर्वस्त्र तक कर दिया गया. जिसके बाद पीड़िता ने थाना में शिकायत दर्ज कराया. जिसके आधार पर पुलिस ने सखैयवाद गांव के निवासी गुलाब प्रसाद वर्मा, उसके साले प्रवीण कुमार वर्मा, ससुर देवेंद्र प्रसाद और गुलाम की  पत्नी और मां को नामजद आरोपी बनाया गया है.

पूरे मामले पर जानकारी देते हुए पीड़िता ने बताया कि वो जंगल गाय चराने गई थी तभी एक आरोपी ने फोन कर उसे जल्दी घर आने को कहा. महिला जब घर पहुंची तब सभी आरोपी लाठी-डंडे के साथ खड़े थे. वहीं, महिला पैर धोने के लिए जैसे ही चापानल के पास पहुंची, आरोपियों के द्वारा डायन कहकर महिला की लाठी डंडे से बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी गई. महिला को निर्वश्त्र कर दिया गया. वहीं, आरोपी महिलाओं ने पीड़िता को मैला और गोवर पिलाने की कोशिश की. जिसके बाद महिला ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसके आधार पर पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.

गुमला में सबसे ज्यादा मामले

वहीं, झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथार्रिटी (झालसा) ने 5 जुलाई, 2023 को हाई कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया. कोर्ट में दायर इस शपथ पत्र में बताया गया कि राज्य में गुमला में डायन बिसाही बताकर सबसे ज्यादा मारपीट और हत्याएं होती है. और इसके लिए झालसा लगातार जागरूकता अभियान चला रही है. वहीं, इसके रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 लागू किया और पूरे राज्य में इसके रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार और जागरुकता अभियान चलाया गया, सभी जिलों में जागरूकता रथ भी चलाया गया.