Eksandeshlive Desk
पश्चिम सिंहभूम : पश्चिमी सिंहभूम जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाली एक घटना चक्रधरपुर प्रखंड के कियापता गांव में सामने आई है, जहां शनिवार सुबह झाड़ियों के बीच एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली। सुबह शौच के लिए निकले कुछ ग्रामीणों को झाड़ियों के पास से रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो उन्होंने इसे सामान्य समझा, लेकिन जब रोना थमा नहीं, तो वे पास जाकर देखे, तो आंखों के सामने का दृश्य स्तब्ध कर देने वाला था। एक नवजात बच्ची, जो शायद कुछ घंटे पहले ही जन्मी थी, बिना किसी कपड़े या देखभाल के झाड़ियों में पड़ी थी।
घटना की खबर मिलते ही ग्रामीणों ने तुरंत बच्ची को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और इसकी जानकारी चक्रधरपुर के सक्रिय समाजसेवी सिकंदर जामुदा को दी। सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और बच्ची को अपने संरक्षण में लिया। बच्ची की प्रारंभिक जांच के बाद यह पुष्टि हुई कि वह पूरी तरह स्वस्थ है और जन्म लिए अधिक समय नहीं हुआ था। ग्रामीणों के अनुसार नजायज रूप से जन्मी बच्ची से पिछा छुड़ाने के लिए किसी ने उसको झाड़ी में मरने के लिए छोड़ दिया है।फिलहाल नवजात बच्ची को सिकंदर जामुदा अपने घर में रखकर उसकी देखभाल कर रहे हैं। उन्होंने इस घटना को अमानवीय बताया और कहा कि कोई मां-बाप कैसे अपने ही बच्चे को इस तरह मरने के लिए छोड़ सकते हैं, यह सोचकर ही मन कांप उठता है। उन्होंने कहा कि समाज में इस प्रकार की घटनाएं न केवल मानवता को शर्मसार करती हैं, बल्कि हमारे सामाजिक ढांचे पर भी सवाल खड़े करती हैं।
सिकंदर जामुदा ने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए और जिन लोगों ने इस मासूम के साथ ऐसा निर्दयी व्यवहार किया है, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे लोगों को सजा नहीं मिली, तो यह घटना किसी और के साथ भी दोहराई जा सकती है। गांव के लोग भी इस घटना से व्यथित हैं और बच्ची की सुरक्षा के साथ-साथ दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।