दिल्ली में 28 मई यानी बीते कल दो बड़ी चीजें हुई. एक आयोजन था और दूसरा घटना. दरअसल, 28 मई को देश की राजधानी दिल्ली, सुबह से ही खबरों में बनी हुई थी. जहां एक तरफ प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया, वहीं, दुसरी तरफ जंतर-मंतर में धरना पर बैठे पहलवानों को पुलिस नें उनके जगह से हटा दिया. बीते कल क्या हुआ? क्रमवार तरीके से बताते हैं.
सुबह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया. इस समारोह में बृजभूषण शरण सिंह अतिथियों की लिस्ट में शामिल थे. बता दें कि बृजभूषण सिंह वही इंसान है जिस पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज भी किया गया है. पोक्सो एक्ट तब लगाया जाता है जब किसी ऐसी महिला या पुरुष का यौन शोषण होता है जिसकी उम्र 18 साल से कम हो.
कल महिला पहलवानों ने बृजभूषण के गिरफ्तारी की मांग को लेकर नए संसद भवन के सामने महिला महापंचायत बुलाई थी. जिस दौरान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया समेत सैकड़ों लोगों को पुलिस उठाकर ले गई. जिसके बाद उनके धरना स्थल को खाली करा दिया गया.
आपकों बता दें ये वहीं खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय पटल पर देश का नाम रौशन किया हैं. ये वहीं खिलाड़ी हैं जिसे हमारे देश के प्रधानमंत्री ने खाने पर बुलाया था. साथ में फोटो भी खिचवाई थी. उसी दौरान देश के प्रधानमंत्री ने विनेश फोगाट को अपने परिवार का बताया था. उन्होंने विनेश से कहा था कि मैं तुम्हें निराश नहीं देख सकता हूं. तो क्या प्रधानमंत्री जिसे अपना परिवार का मानते थे. उसके लिए न्याय हो ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे. आज ऐसे गंभीर मामले में प्रधानमंत्री चुप हैं. सरकार चुप है. ऐसे में सरकार से सवाल तो बनता है.
हालांकि कल शाम को विनेश फोगाट और साक्षी मलिक को छोड़ दिया गया. वहीं, बजरंग पुनिया को देर रात छोड़ा गया. जिसके बाद इन्हें धरना स्थल पर जाने से रोक दिया गया. पुलिस के अनुसार जंतर-मंतर पर 109 प्रदर्शनकारियों सहित पूरी दिल्ली में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया. लेकिन आपको ये जानना बेहद जरुरी है कि इन पहलवानों पर एफआईआर दर्ज हो चुका है. कुल 6 धाराओं के अंतर्गत इन खिलाड़ियों पर एफआईआर दर्ज किया गया है.
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग) के तहत प्राथमिकी दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल), 147 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) भी प्राथमिकी में शामिल हैं.
इन सब चीजों के लेकर ट्वीटर पर भी खूब ट्वीट हो रहे हैं. विनेश फोगाट ने ट्वीट कर लिखा: “दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए. क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है. एक नया इतिहास लिखा जा रहा है”.
बजंरग पुनिया ने प्रत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ये देश के लिए दुर्भाग्यपुर्ण है कि यौन उत्पीड़न के आरोपी एक व्यक्ति ने नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लिया. दिल्ली पुलिस को हमारे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में केवल कुछ घंटे लगे लेकिन बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में उन्हें 7 दिन लग गए.
वहीं, साक्षी मलिक ने डीटेंशन के दौरान की एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा की this is how our champions are being treated. The world is watching us!. ( इसका अर्थ है कि आप देखें कैसे हमारे खिलाड़ियों के साथ बरताव किया जा रहा है. पूरी दुनिया हमें देख रही है.)
इसी ट्वीट को री-ट्वीट कर ऑलंपिक में गोल्ड जीतकर देश का नाम उंचा करने वाले नीरज चोपड़ा ने लिखा “यह देखकर मुझे बहुत दुख हो रहा है. There has to be a better way to deal with it. (यानी की इससे निबटने का एक बेदतर तरीका होना चाहिए.)
वहीं, कुछ राजनेताओं ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की निंदा की है और इस घटना को लेकर शरद पवार ने अपने ट्वीट में लिखा: “यह देखना दर्दनाक है कि दिल्ली पुलिस ने लोकतांत्रिक तरीकों से न्याय की मांग कर रही हमारी प्रमुख महिला पहलवानों के साथ किस तरह मारपीट की और उन्हें हिरासत में लिया. मैं हमारे एथलिटों के प्रति दिल्ली पुलिस के लापरवाह व्यवहार की कड़ी निंदा करता हूं, जो हमारे देश का गौरव हैं. क्रूरता की इस हरकत से आज हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और लोकाचार को शर्मसार होना पड़ा है.“
इसके अलावा राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा “राज्याभिषेक पूरा हुआ- ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़!”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवील ने इस घटना कि निंदा करते हुए साक्षी मलिक के ट्वीट को री-ट्वीट कर लिखा: “देश का मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद ग़लत एवं निंदनीय”
वहीं, दिल्ली की डेप्युटी कमिशनर ऑफ पुलिस सुमन नलवा ने एएनआई(ANI) से बात करते हुए बताया कि इन्हें इसलिए डिटेंन किया गया था, क्योंकि कल नए संसद का उद्घाटन था. सेंसिटिव एरिया होने के कारण इन्हें उस जहग पर महिला महापंचायत करने का आदेश नहीं था. इन लोगों को बहुत समझाया गया इसके बावजूद ये महापंचायत के लिए निकल पड़े थे. जिसके बाद पहलवानों को डिटेन किया गया.
लेकिन एक बात जो परेशान करने वाली है कि कल की घटना पर जो प्रतिक्रिया आ रही है. वो दो धड़े में बंटा हुआ है. एक जो पहलवानों के साथ खड़ा है. वहीं, दुसरी तरफ लोग इन पहलवानों के लिए गलत शब्दों का प्रयोग कर रहें हैं. एक ने तो ये तक ट्वीट कर दिया कि दिल्ली के सड़कों से कचड़ा साफ कर रही दिल्ली पुलिस. लोग समझने को तैयार नही हैं कि मामला क्या है. बृजभूषण शरन सिंह पर यौन शोषण का आरोप है.