Eksandeshlive Desk
पूर्वी सिंहभूम : पूर्वी सिंहभूम जिले के विभिन्न महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट (12वीं कक्षा) के नामांकन और स्थानांतरण पर रोक के खिलाफ विद्यार्थियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को विद्यार्थियों ने साकची गोलचक्कर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया। बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अभियान में शामिल हुए और सरकार के फैसले का विरोध किया। उनका कहना था कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई को कॉलेजों से हटाने का निर्णय न केवल उनके भविष्य के साथ अन्याय है बल्कि कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों और अन्य कर्मियों के रोजगार पर भी संकट खड़ा कर देगा।
विद्यार्थियों ने बताया कि कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई खत्म होने से जहां हजारों छात्र-छात्राओं को प्रवेश का विकल्प सीमित हो जाएगा, वहीं वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंटर की पढ़ाई स्कूलों को सौंपने से शिक्षा की गुणवत्ता में कोई खास सुधार नहीं होगा। कॉलेजों में पढ़ाई के साथ छात्रों को लाइब्रेरी, लैब और अन्य संसाधनों का बेहतर लाभ मिलता रहा है, जिससे वे वंचित हो जाएंगे। विद्यार्थियों ने सरकार से मांग की कि नामांकन और स्थानांतरण पर लगी रोक को तत्काल हटाया जाए तथा कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूर्ववत जारी रखी जाए ताकि न तो छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो और न ही शिक्षकों व कर्मचारियों का रोजगार छिने। छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द उनकी मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से उन्होंने सैकड़ों लोगों से समर्थन जुटाया और जल्द ही मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपने की भी घोषणा की। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला पूरी तरह से अन्यायपूर्ण और शिक्षा विरोधी है, जिससे हजारों परिवारों पर सीधा असर पड़ेगा।