झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ट्विटर पर काफी एक्टिव हैं. पिछले कई महीनों से वो लगातार झारखंड में महागठबंधन की सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साध रहे हैं. बाबूलाल ट्विटर पर संताल में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा हो या राज्य की पुलिस प्रशासन का या फिर राज्य की लचर बिजली व्यवस्था की. वो हमेशा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं.
इसी बीच आज(19 जून) बाबूलाल मरांडी ने बिजली व्यवस्था को लेकर एक और ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा
“झारखंड में बिजली “विलुप्त” हो गई है. पूरा सिस्टम एक सिंडिकेट बनाकर आपदा में अवसर तलाश रहा है. मुख्यमंत्री जी मौन धारण किए हुए हैं. केंद्र सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी राज्य सरकार की अकर्मण्यता साफ दिखाई दे रही है. जनता इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती से त्राहिमाम कर रही है. यह पत्र मैंने पिछले वर्ष ( 27 अप्रैल 2022) माननीय मुख्यमंत्री जी को बिजली विभाग के संबंध में लिखा था जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है. मैं “पत्रवीर” नहीं हूं मुख्यमंत्री जी, मैं तो जनता का सेवक हूं. जब जब झारखंड और झारखंड की जनता पर आप ज़ुल्म करते हैं, लूटते हैं, मैं रक्षा के लिए आगे आ जाता हूं. मेरे प्रति अपने सभी पूर्वाग्रहों को किनारे लगाकर, राज्य के हित में मेरे रत्ती भर सुझावों पर भी आप अमल किये होते तो तस्वीर कुछ दूसरी होती. राजनैतिक विरोधियों की आवाज़ पर बदले की आग में जलने एवं प्रतिशोध की कार्रवाई के बदले उसे सकारात्मक रूप में लिया होता तो शायद झारखंड और आपकी इतनी बदनामी और दुर्गति नहीं होती.”