झामुमो ने भाजपा और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा

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sunil verma
रांची:
2024 में बिना चुनाव लड़े और चुनाव जीते ही विदेशों से आमंत्रण मिल रहे हैं यह बयान बहुत ही हास्यापद है और पीएम लोकतंत्र का मखौल उड़ा रहे हैं। पीएम मोदी के इस दावे के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है। इलेक्शन कमीशन तो केवल चुनाव की तिथि घोषित करेगी, मगर चुनाव तो असल में इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट कराएगा। जिसकी पटकथा पिछले दो सालों से लिखी जा रही है। झारखंड सहित कई राज्य इसके उदाहरण हैं, जो भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का नारा देते रही दरसअल वह कांग्रेस युक्त भाजपा बन कर रही गयी। देश में 740 सांसद-विधायक ऐसे हैं जो कांग्रेस अन्य क्षेत्रीय दलों से गए. उन्होंने कहा कि मोदी को भले ही बिना चुनाव लड़े विदशों से आमंत्रण मिल रहा हो, मगर हमारे हेमंत को पूरे देश के आदिवासी, युवा, पिछड़े, अल्पसंख्यक बुला रहे हैं। बहुत जल्द हेमंत भी पूरे देश में जाएंगे। उक्त बातें पार्टी प्रधान महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान सोमवार को कही। उन्होंने कहा कि वास्तव में पीएम मोदी के आने के बाद देश में बहुत कुछ बदल गया । विगत दस साल के शासन में मोदी ने कई चीजों की परिभाषा बदल डाली। 2014 में मोदी जी ने कहा, हमारे आने के बाद देश में बहुत कुछ नया होगा और देश बदल जाएगा। जो भाजपा के साथ चल जाए और डिप्टी सीएम, मंत्री और जो उनके साथ न जाए उसकी जगह जेल। अब किसान धान-गेंहू नहीं अडानी-अंबानी के लिए कपास और दाल उगाएंगे।भट्टाचार्य ने कहा कि देश में दूसरा किसान आंदोलन शुरू हो चुका है. किसानों को नजरबंद कर दिया गया है। किसान सरकार से एमएसीपी मांगते हैं तो सरकार उन्हें इनोवेशन एग्रीकल्चर का प्रस्ताव देती है। यानी कि किसान धान, मक्का और गेंहू की खेती नहीं अडाणी और अंबानी के लिए दाल और कपास की खेती करें। यानी जनता कपास खाए और दाल पीये। अजीब स्थिति इस देश में पैदा की जा रही है। भट्टाचार्य ने भाजपा के आदिवासी एवं दलित प्रेम का उपहास उड़ाते हुए कहा कि एक दलित को राष्ट्रपति बनाकर संसद भवन के शिलान्यास में उन्हें नहीं बुलाया गया, वहीं एक आदिवासी को राष्ट्रपति बनाकर उसे संसद भवन उदघाटन में नहीं बनाया गया। एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाकर उसे राष्ट्रपति भवन में कैद कर दिया गया। इसलिए भाजपा का आदिवासी और दलित प्रेम किसी से छिपा नहीं रह गया। सुप्रियो भट्टाचार्य एक सवाल के जवाब में कहा कि झारखंड को लेकर लोकसभा चुनाव के सीट शेयरिंग पर सहमति बन चुकी है।जो फॉमूर्ला रखा गया था, उस पर सहमति बन गयी है जल्द सीट और संभावित प्रत्याशियों का एलान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस बिहार और उड़ीसा में थोड़ा पेंच फंसा है।जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। उड़ीसा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के भी चुनाव होने हैं।इसलिए थोड़ा पेंच फंसा है।