Eksandeshlive Desk
गुमला : दोस्त- दोस्त ना रहा चुनावी मैदान में झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने किया निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत को बड़ा झटका वहीं भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव को अब आमने-सामने नहीं बल्कि त्रिकोणीय मुकाबले के साथ ही अन्य प्रत्याशियों से वोट-बैंक में सेंधमारी से भी सामना होगा यही समीकरण बनती नजर आ रही है लोहरदगा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की यहां बताते चलें कि गुमला जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र गुमला बिशुनपुर सिसई से झामुमो विधायक हैं वहीं लोहरदगा एवं मांडर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हैं पांच विधानसभा क्षेत्र से बना लोहरदगा लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 में 13 मई को मतदान होगा और यह भी कि लोकसभा सीट से भाजपा ने लगातार तीन बार कांग्रेस को पटकनी दी है और अब चौथी बार यह सीट बरकरार रखने रहती है भाजपा की झोली में या फिर मतदाताओं द्वारा इस लोकसभा चुनाव में बदलाव करते हैं यह सिर्फ मतदाताओं द्वारा ईवीएम मशीन में 13 मई को डालें जाने वाले मतों की गणना के बाद ही मालूम पड़ेगा लेकिन यह सुनिश्चित है कि लोकसभा चुनाव 2024 में आसानी से किसी भी प्रत्याशी की नैया पार नहीं होती नजर आ रही है जैसे जैसे नामांकन दाखिल करेंगे और सियासी हलचल मचा हुआ रहेगा कौन कितने पानी में है इस बढ़ती राजनीतिक सरगर्मी से सिर्फ आम मतदाताओं का मूड़ ही फैसला करेंगे। यहां बताते चलें कि गठबंधन से लोहरदगा सीट कांग्रेस को मिली है लेकिन कांग्रेस के अड़ियल रवैया से नाराज़ गठबंधन के झामुमो विधायक चमरा लिंडा जिन्होंने बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की परंपरागत सीट पर दावेदारी पेश करते हुए कांग्रेस की जगह गठबंधन से लोहरदगा सीट झामुमो के लिए चमरा लिंडा ने दावा ठोक दिया और कहा कि यदि लोहरदगा सीट नहीं मिली तो बग़ावत करते हुए चुनावी मैदान में होंगे और जो कहते हैं वो करते हुए कद्दावर नेता चमरा लिंडा ने लोहरदगा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल कर कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत के सामने जहां चुनौती दी है वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव को भी सकते में ला दिया है। यहां बताते चलें कि गुमला में नामांकन पत्र खरीदारी कर कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत ने मीडिया द्वारा सवाल उठाते हुए पूछा गया था कि झामुमो विधायक चमरा लिंडा भी चुनाव मैदान में होंगे उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में सभी को अपनी स्वतंत्र विचार के लिए छूट दी गई है और कहूंगा कि कांग्रेस झामुमो गठबंधन से लोहरदगा सीट कांग्रेस को मिली है और झामुमो विधायक चमरा लिंडा हमारे मित्र जैसे हैं और यही कहूंगा कि कांग्रेस को जिताने के लिए आगे आए और कोई भी ऐसा निर्णय ना ले कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को फायदा पहुचे ़लेकिन अंतोगत्वा चमरा लिंडा चुनावी मैदान में हैं और कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत के लिए यह कहावत सटीक लगती है कि दोस्त दोस्त ना रहा।