Eksandeshlive Desk
रांची/पूर्वी सिंहभूम/रामगढ़/लोहरदगा/खूंटी/पश्चिम सिंहभूम : राजधानी रांची समेत झारखंड के विभिन्न जिलों में लगातार हो रही मॉनसूनी बारिश से ओर जहां किसानों के चेहरे खिल गए हैं, वहीं आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य की कई नदियां उफान पर हैं। भारी बरसात का रेल और सड़क यातायात के साथ बिजली की आपूर्ति पर भी प्रभाव पड़ा है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में सबसे अधिक बारिश खूंटी जिले के अड़की में 155.8 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई। वही रांची में 47.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं जमशेदपुर में 68.8, डालटेनगंज में तीन, बोकारो में 20.6, चाईबासा में 23 मिमी, देवघर में 21, हजारीबाग में 22, खूंटी में 19.5, लातेहार में 24.5, सरायकेला-खरसावां में 54 तथा सिमडेगा में 36.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इस बीच, मौसम विभाग ने 24 जून तक बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। बताया गया कि पश्चिम बंगाल और आसपास के इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जो दक्षिणी से उत्तरी हिस्से में होते हुए झारखंड को पार कर रहा है। इसके प्रभाव से राज्य के कई जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हो रही है। हालांकि आने वाले एक- दो दिनों में बारिश में कमी आएगी। इधर, गुरुवार को रांची और आसपास के इलाकों में सुबह से भारी बारिश हो रही है। इस दौरान 30-40 की रफ्तार से हवा भी चल रही है। रांची में अधिकतम तापमान 25, जमशेदपुर में 26.4, डालटेनगंज में 29.3, बोकारो में 30.2 और चाईबासा में तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
जमशेदपुर में स्वर्णरेखा और खरकई नदी का जलस्तर खतरे के करीब : पूर्वी सिंहभूम जिले में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण गुरुवार को स्वर्णरेखा और खरकई नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दोनों नदियां अब खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच चुकी हैं, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अलर्ट मोड में काम करना शुरू कर दिया है और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।मौजूदा स्थिति के अनुसार, स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर मानगो ब्रिज स्थल पर 121.300 मीटर तक पहुंच चुका है, जबकि इसका खतरे का निशान 121.50 मीटर है। वहीं, खरकई नदी का जलस्तर आदित्यपुर ब्रिज स्थल पर 128.780 मीटर मापा गया है, जबकि इसका खतरे का स्तर 129 मीटर निर्धारित है। प्रशासन ने नदी किनारे और डूब क्षेत्र के निवासियों को सावधानी बरतने और सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी है। साथ ही आम लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी स्थिति में नदियों के करीब न जाएं और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। जिला प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। जलस्तर में अगर इसी तरह वृद्धि जारी रही तो तटीय इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। स्थिति की निगरानी लगातार की जा रही है और प्रशासन हर घंटे ताजा आंकड़ों के आधार पर रणनीति तय कर रहा है।
जलजमाव से रेल यातायात प्रभावित, कई ट्रेनें रद्द और मार्ग परिवर्तित : लगातार हो रही बारिश से चक्रधरपुर मंडल के अंतर्गत टाटानगर रेलवे स्टेशन यार्ड में अत्यधिक जलजमाव के कारण रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रेल पटरियों पर पानी भर जाने के कारण ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन में दिक्कतें उत्पन्न हो गई हैं। इसे देखते हुए रेलवे प्रशासन ने 19 जून 2025 को चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जबकि कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है। रेलवे से गुरुवार को मिली जानकारी के अनुसार रांची रेल मंडल से परिचालित 22892 रांची–हावड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस, जो सामान्यतः कोटशिला–पुरुलिया–टाटानगर–खड़गपुर होकर जाती है, अब 19 जून को कोटशिला–राजाबेड़ा–चंद्रपुरा–भोजूडीह–आद्रा–मेदिनीपुर–खडगपुर होते हुए चलेगी। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जलजमाव के कारण टाटानगर से खुलने और वहां पहुंचने वाली 20 से अधिक मेमू और पैसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इनमें टाटानगर-निट्र एक्सप्रेस, टाटा-खड़गपुर मेमू, राउरकेला-टाटा मेमू, बरकाकाना-टाटा मेमू, बड़बिल-टाटा मेमू, टाटा-बड़बिल मेमू, टाटा-बरहमपुर मेमू सहित कई लोकल सेवाएं शामिल हैं। इसके साथ ही कुछ दोहरी सेवा ट्रेनों जैसे खड़गपुर-टाटा-खड़गपुर और टाटा-खड़गपुर-टाटा मेमू को भी रद्द किया गया है। वहीं कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों को वैकल्पिक मार्ग से चलाया जा रहा है। मुंबई से हावड़ा आने वाली 12809 और 12261 ट्रेनों को सिनी–कांड्रा–चंडीपुर–पुरुलिया–हावड़ा मार्ग पर डायवर्ट किया गया है। इसके अलावा जगदलपुर-हावड़ा, आरा-दुर्ग, भुज-शालिमार और लोकमान्य तिलक टर्मिनस-शालिमार जैसी ट्रेनों को भी वैकल्पिक मार्गों से परिचालित किया जा रहा है। रेल प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा से पहले संबंधित ट्रेन की स्थिति रेलवे की वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर या ऐप के माध्यम से अवश्य जान लें। जलजमाव के कारण पैदा हुई इस असुविधा के लिए रेलवे ने खेद जताया है और यात्रियों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क की भी स्थापना की है।
लगातार हो रही बारिश से दामोदर-भैरवी नदी में आया उफान : मौसम विभाग ने 72 घंटे का रेड अलर्ट जारी किया है। रामगढ़ में पिछले 36 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से दामोदर और भैरवी नदी उफान पर है। इसके अलावा कई नदियों में भी अचानक पानी भर गया है। रामगढ़ जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से नदी की तरफ नहीं जाने की अपील जारी की है। दामोदर में पानी इतना अधिक भर गया है की रजरप्पा में दो नदियों का संगम बन गया है। यहां दामोदर और भैरवी नदी का जलस्तर एक बराबर हो गया है। रजरप्पा मां छिन्नमस्तिका दरबार में भी लगने वाले दुकानों को लोगों ने हटा लिया है। कई दुकानों में पानी भर गया है। यहां तक की दामोदर नदी का जलस्तर तांत्रिक घाट तक पहुंच गया है। मंदिर न्यास समिति के पदाधिकारियों ने भी वहां आने वाले श्रद्धालुओं से नदी की तरफ नहीं जाने की अपील की है। कुछ लोग भैरवी नदी पर पुल के ऊपर बह रहे पानी में सेल्फी लेने के लिए भी घुस रहे थे, जिन्हें न्यास समिति के सदस्यों के द्वारा रोका गया। सेल्फी लेने और नदी में नहाने के दौरान अक्सर हादसे होते रहते हैं। यहां कई बार नहाने के दौरान या फोटो लेने के दौरान श्रद्धालुओं का पैर फिसल जाता है और वह नदी में बह जाते हैं।
लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, नदियां उफान पर : लोहरदगा जिला में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। लगातार हो रही बारिश से यहां के लोगों को काफी नुकसान हुआ है। बारिश ने जिले के विभिन्न इलाकों में गरीबों के 12 (कच्चे मकान) आशियाने को ध्वस्त कर दिया। साथ ही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोहरदगा शहर से लेकर गांव देहात में बारिश का असर देखा जा रहा है। मूसलाधार बारिश से दर्जनों पेड भी उखड गए। इससे बिजली व्यवस्था पर भी प्रभाव पडा है। लोहरदगा शहर में तीन दिनों से जलापूर्ति बाधित हो गई है। जोरदार बारिश को देखते हुए उपायुक्त डॉ. ताराचंद के निर्देशानुसार जिला प्रशासन के तमाम पदाधिकारी और कर्मचारी पूरे वस्तु स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। डीसी ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। लगातार हो रही बारिश से बाजारों में विरानगी छायी हुई है। अधिकांश दुकान बंद हैं और लोग घरों में रहने को विवश हैं। किसानों के खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो गई है।
खूंटी का बनई पुल टूटा, खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर आवागमन ठप : खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर पेलोल गांव के पास बनई नदी पर बना उच्च स्तरीय पुल के बीच का हिस्सा टूट कर धंस गया। इससेे इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। यह पुल राजधानी रांची को खूंटी, सिमडेगा और ओडिशा, छत्तीसगढ सहित अन्य राज्यों को जोड़ने वाला है। साथ ही बाबा आम्रेश्वर धाम जाने के लिए सबसे आसान मार्ग यही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल की स्थिति कई दिनों से जर्जर थी। इसके बावजूद उस पर भारी वाहनों का आवागमन जारी था। पिछले दो दिनों से भारी वर्षा से गुरुवार सुबह पुल के एक हिस्से में दरार आने के बाद अचानक वह धंस गया। उसी दौरान एक ट्रक बीच मे जाकर फंस गया। हालांकि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। वैकल्पिक मार्गों से यातायात का संचालन हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल का निर्माण लगभग दस-बारह वर्ष हुआ था। निर्माण के दौरान गुणवत्ता का खयाल नहीं गया और करोड़ों की लागत से बना पुल टूट गया। लोगों का कहना है कि समय रहते मरम्मत न किए जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। ज्ञात हो कि इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन खूंटी, सिमडेगा और आसपास के गांवों से आवागमन करते हैं। अब वैकल्पिक मार्ग से यात्रा करने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रांजधानी रांची को खूंटी, सिमडेगा और ओडिशा, छत्तीसगढ सहित अन्य राज्यों को जोड़ने वाला यह प्रमुख पुल है। 11 जुलाई से पवित्र सावन का महीना शुरू हो रहा है। झारखंड के मिनी बाबा धाम के रूप में विख्यात बाबा आम्रेश्वर धाम में श्रावण मास में लाखों श्रद्धालु भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। बनई नदी पुल के टूट जाने से श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्ग से आना-जान पड़ेगा और उन्हें काफी परेशानी होगी। बाबा आम्रेश्वर धाम प्रबंध समिति के महामंत्री मनोज कुमार ने कहा कि बनई नदी पुल के टूट जाने से बाबा के भक्तों कों परेशानी होगी। पुल बनने में एक साल से अधिक समय लग जाएगा।
भारी बारिश से जन जीवन प्रभावित, रौद्र रूप में नजर आ रहे खूंटी के जलप्रपात : पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने खूंटी जिले के आम जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने खूंटी जिले को रेड जोन घोषित करते हुए भारी बारिश और तेज हवा की चेतावनी जारी कर दी है। लगातार बारिश को देखते हुए जिले कें सभी स्कूलों में 12वीं कक्षा तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। तेज बारिश के कारण क्षेत्र के नदी नाले उफान पर हैं। जिले के प्रसिद्ध पेरवांघाघ, पंचघाघ, सप्तधारा, उलूंग, पांडूपुड़िंग, रिमिक्स सहित सभी जल प्रपात अपने रौद्र रूप में नजर आ रहे हैं। खेत-खलिहान भी लबालब भर गये है। लगातार बारिश के कारण नालियों का पानी सड़कों और घरों में बहने लगा है। इसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर आवागमन नहीं के बराबर है। कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ राजन चौधरी ने बताया कि खूंटी जिले में मानसून सक्रिय हो गया है। जिले में गुरुवार को दिन और रात बारिश होगी। शुक्रवार को सुबह से बारिश में कमी होगी। जिले में पिछले दो दिनों 98.76 मिमी वर्षा हुई है। आने वाले अगले पांच दिनों के बीच मध्यम से तेज दर्जें की वर्षा के साथ कही-.कहीं मेघ गर्जन एवं आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। आसमान में बादल छाये रहेंगे तथा तापमान में 3.4 डिग्री सेंटीग्रेट गिरावट के साथ अधिकतम तापमान 25.26 डिग्री सेंटीग्रेट तथा न्यूनतम तापमान 23.24 डिग्री सेंटीग्रेट रहेगा।
लगातार बारिश से ढहा मिट्टी का मकान, महिला की मौत : पश्चिमी सिंहभूम जिले में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है। चक्रधरपुर प्रखंड के कुलीतोडांग गांव में गुरुवार सुबह एक मिट्टी का घर ढहने से महिला की मौत हो गई, जबकि तीन मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं चाईबासा शहर की दुर्दशा पर भाजपा नेताओं ने नगर परिषद और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। चक्रधरपुर प्रखंड की कुलीतोडांग पंचायत के कुलीतोडांग गांव में गुरुवार सुबह करीब 7 बजे भारी बारिश के कारण गुरुवारी दोंगो (पति रंगिया दोंगो) का कच्चा मकान ढह गया। हादसे में गुरुवारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके तीन वर्षीय पुत्र सुनील दोंगो, डेढ़ वर्षीय गुलशन दोंगो और भतीजी हिलरी पूर्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के वक्त परिवार के सभी सदस्य घर में ही थे और मलबे में दब गए। स्थानीय ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को बाहर निकाला और अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया। पंचायत मुखिया माझी जोंको भी मौके पर पहुंचे और मुआवजा देने की मांग की। मृतका के पति रंगिया दोंगो तमिलनाडु में मजदूरी करते हैं। इधर, चाईबासा में नगर परिषद की लचर व्यवस्था पर भाजपा नेताओं ने चिंता जताई है। अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट में हुई बैठक में पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई ने कहा कि “एक दिन की बारिश ने ही प्रशासन की पोल खोल दी है।” गौरव शर्मा ने कहा कि नालियों की सफाई नहीं होने से सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है। बैठक में बिरजू रजक, रोहित पाल, संजय तिवारी, लील्टू यादव, सुशील शर्मा, अमन पांडे सहित कई भाजपा कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे। सभी ने एकजुट होकर जल्द समाधान की मांग की और आंदोलन की चेतावनी दी।
एनएचएआई की लापरवाही से डूबा टाटा-रांची हाईवे : भारी बारिश के बाद एनएचएआई की लापरवाही सामने आई है। गुरुवार को काली मंदिर के पास टाटा-रांची और टाटा-पूरुलिया हाईवे पूरी तरह जलमग्न हो गए, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई। आशियाना वुडलैंड कॉलोनी में जलभराव ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया है। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण टाटा-रांची नेशनल हाईवे और टाटा-पूरुलिया मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। काली मंदिर के पास जलजमाव की स्थिति ऐसी हो गई कि दोनों प्रमुख मार्गों पर यातायात ठप हो गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोग घंटों जाम में फंसे रहे। अनेकों वाहन पानी में डूब गए हैं। लोगों को बचाने के लिए टियूब के सहारे बचाव कार्य किया जा रहा है। सबसे गंभीर स्थिति फदलोगोड़ा स्थित आशियाना वुडलैंड कॉलोनी की है, जहां 15 से 20 फीट तक पानी भर गया है। कॉलोनी के ग्राउंड फ्लोर के सभी मकान डूब चुके हैं और कई वाहन पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। सैकड़ों लोग घरों में फंसे हुए हैं और किसी भी राहत के लिए प्रशासन की ओर देख रहे हैं। जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने हालात का जायजा लिया और एनएचएआई पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हाईवे निर्माण के दौरान पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने स्वयं जेसीबी की मदद से जल निकासी कार्य में भाग लिया। प्रशासन ने आपात राहत के तहत फोरलेन सड़क को काटकर पानी निकासी की कोशिश की, लेकिन भारी जलभराव ने राहत कार्यों में बाधा डाली है। स्थानीय लोगों ने फ्लाईओवर निर्माण के दौरान पुराने नाले को बंद करने को बड़ी चूक बताया है और एनएचएआई को जिम्मेदार ठहराते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने फिलहाल वैकल्पिक मार्गों से यातायात बहाल करने के निर्देश दिए हैं।