जिक्र शोहदा ए कर्बला का बरियातू में किया गया आयोजन

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Eksandeshlive Desk
रांची : हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवार और दीगर शहीदों की याद में पांच दिवसीय जिक्र शोहदा ए कर्बला का आयोजन मस्जिदे आला हजरत अशरफी सत्तार कालोनी बरियातु में किया गया। मिल्लते इस्लामिया बरियातु के लोग अजमते सहाबा और इमाम हुसैन की जिक्रे शोहदा ए करबला कांफ्रेंस में शामिल हुए। जिक्रे शोहदा ए करबला कांफ्रेंस में कई शहरों से आए उल्लेमा ए किराम ने अपनी अपनी तकरीरों में अजमते सहाबा, फजिÞलते अहले बैत, अजमते ईमाम हुसैन, मदीना से कर्बला का सफर, दास्ताने कर्बला, माबादे कर्बला और पैगामें कर्बला बयां किया। कर्बला के शहीदों की याद ताजा हो गई। कमीटी के अध्यक्ष मो. शाहनवाज अहमद ने बताया कि पहली बार हुए इस कांफ्रेंस में हजरत मौलाना डा. ताजुद्दीन (एदारा ए शरिया, रांची), मौलाना सज्जाद हुसैन (रामगढ़), मुफ्ती शादाब मरकजी (कर्नाटक), मुफ्ती शाहिद रजा मरकजी (खतीब व ईमाम मस्जिदे आला हजरत अशरफी) और पीरे तरिकत हजरत मौलाना अहकरुल कादरी (मुजफ्फरपूर) हाफिज अब्दुल मोबिन (डोरंडा), हाफिज मुस्लिम रजा (उलातू) और बुलबुले झारखंड अमजद रजा (उलातू), नाएब ईमाम हाफिज सलमान रजा, हाफिज लुकमान रजवी (मोहतमिम-मदरसा मदीनतुल उलूम, उलातू) और हाफिज मुजीब वगैरह शामिल हुए। आए हुए अतिथियों का स्वागत मस्जिद आला हजरत के सचिव मो आफताब आलम ने किया। आफताब आलम ने बताया कि बुधवार को (10 मुहर्रम) आशुरा के दिन जोहर के बाद कुरानख्वानी, असर के बाद फातिहा, मिलाद, सलातो सलाम और अंत में खतीब व ईमाम मुफ्ती शाहिद रजा मरकजी ने उम्मते मुस्लिमा में भाईचारगी / एत्तिहाद और भारत के अमन व सूकून लिए लिए दुआ की। मस्जिदे आलाहजरत अशरफी के सिक्रेट्री मो, आफताब आलम ने बताया कि शाम के वक्त इफतार, लंगर, शीरनी और सबील का भी इन्तजाम किया गया जिसमें मस्जिदे आला हजरत अशरफी के मुसल्लियान, मकतबे ख्वाजा गरीब नवाज के छात्र और फैजाने गौसुलवरा कमीटी के तमाम ओहदेदारान और मेम्बरान के साथ मदरसा मदीनतुल उलूम, उलातू के मेहमाने रसूल और कसीर तादाद में लोग शामिल रहे।