जिन्हें जनता ने नकारा, वो कर रहे है भविष्यवाणी : चंद्र रश्मि

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Sunil Verma
रांची: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लोगों और संघ की मानसिकता रखने वाले लोगों को अब अपनी अपनी भविष्यवाणी की दुकान खोल लेनी चाहिए. इनकी राजनीति तो नहीं चल रही हैं तोते से भविष्यवाणी वाली दुकान शायद चल पड़े। नेता क्योंकि अपने फायदे के लिए जनता को झूठ और गुमराह करने की ही दुकानदारी करेंगे। उक्त बातें रांची जिला सचिव सह मीडिया प्रभारी चंद्र रश्मि ने विज्ञप्ति के माध्यम से कही। उन्होंने कहा कि यह बात मैं सरयू राय के बयान पर बोल रही हूं, जिन्होंने दिसंबर तक सरकार गिर जाने की भविष्यवाणी की है, हालांकि सरयू राय जी बीजेपी से हटकर अपनी खुद की पार्टी झारखंड जनतंत्र मोर्चा के अध्यक्ष कहलाते हैं, लेकिन कितना जन है,और क्या तंत्र है यह झारखंड की जनता भली-भांति जानती हैं। वो भले ही खुद की पार्टी का निर्माण किये हो लेकिन यह आज भी संघ के सदस्य है और नफरत के बाजार में अपनी दुकान सजाए हुए हैं। सरकार के गठन के बाद से ही बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता सरकार के बस कल ही गिरने की बात कहते ही आ रहे हैं और झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के जेल जाने की बात करते ही आये है। इन सब से इतर वर्तमान की सरकार जनता के काम मे जुटी रही और रोजगार की बहार लगाते रही है। मैं सरयू राय से कहना चाहूंगी कि आप इतने वरिष्ठ नेता और राजनीति के चाणक्य कहलाने वाले व्यक्ति हैं, आपको ओछी राजनीति करना शोभा नहीं देता है, खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए,और भारतीय जनता पार्टी में फिर से अपनी विश्वसनीयता पाने के लिए हमारे मंत्रियों पर भी कीचड़ उछालने का काम किया,लेकिन जनता ने वहां भी सत्य का आईना आपको दिखाने का कार्य किया है। आपको आपका औकात बीजेपी ने उसी समय दिखा दिया था जब आपको अपनी ही क्षेत्र से टिकट नहीं दिया गया था। वह तो हमारे राज्य की जनता इतनी संवेदनशील है कि आपकी बेज्जती से दु:खी होकर आपको जीताने का कार्य किया था. लेकिन आपने उसी जनता को यह बयान देकर दुखी किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद सीएम नहीं बने, बल्कि उस सरकार को जनता ने उखाड़ फेंका जिसमे आप भी मंत्री थे और हेमंत सोरेन के हाथ मे सत्ता की चाभी सौपी। आप लोगों का सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचना भी जनता देख रही है जो आने वाले समय पर सही जवाब देने का कार्य करेगी। अपने दिसंबर तक का ही समय क्यों निर्धारित किया? इससे पहले आपका कोई बयान नहीं आया था इससे साफ दिखाई देता है की जो पांच राज्य में चुनाव होने जा रहे है, वह आदिवासी बाहुल राज्य है और भाजपा के इशारों से चलने वाली ए.ऊ ने आदिवासी मुख्यमंत्री को 6३ँ समन भेज कर चुप हो गई,और अभी तक कोई नोटिस भी नहीं भेजा ना कोई कार्रवाई किया। सिर्फ इसलिए, क्योंकि आपके हिसाब से पांच राज्यों में चुनाव प्रभावित न हो। बीजेपी वालो हमारे आदिवासी मुख्यमंत्री पर हाथ डालने से डर गई। यह सारा भारतीय जनता पार्टी की षड्यंत्रकारी योजनाओं में शामिल है की आदिवासी मुखिया को कैसे फसाया जाए. और अपने आँका का अगले आदेश का इंतजार ए ऊ कर रही है। राज्य सरकार के खिलाफ बयान देने से पहले आपको इतना स्मरण कर लेना चाहिए कि राज्य की आदिवासी जनता सीधी-साधी बेशक है, परंतु बेवकूफ नहीं।