जलमीनार में लग गई जंग, झांकना मुनासिब नहीं समझ रहा विभाग, पेयजल हेतु भटक रहे ग्रामीण

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Eksandeshlive Desk

पेशरार/लोहरदगा : झारखंड के लोहरदगा जिला में गर्मी की वृद्धि होते ही ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगी है। इससे क्षेत्र के लोगों में अभी से ही पीने की पानी की जुगत को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है। यहां पर बता दें कि लोहरदगा जिला अंतर्गत अति सुदूरवर्ती एवं उग्रवाद प्रभावित पेशरार प्रखंड क्षेत्र में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल लोहरदगा की ओर से निर्मित की गई अत्यधिक जलमीनार विभागीय लापरवाही से इस भीषण गर्मी में जनता की प्यास बुझाने के जगह खुद प्यासा साबित हो रहा है। यहां पर ग्राम पंचायत रोरद अंतर्गत ग्राम चांदगो, केकरांग समेत कई अन्य गांवों में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल लोहरदगा की ओर से जनता को शुद्ध एवं स्वच्छ पीने का पानी मिले इसे लेकर जगह-जगह पर जलमीनार का निर्माण कार्य करा तो दिया गया है लेकिन आधे से अधिक जलमीनार निर्मित समय से ही जनता को चुल्लू भर पीने की पानी देने के बदले खुद को प्यासा साबित हो रहा है। बावजूद इसपर पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल विभाग को कोई दिलचस्पी नहीं है। आलम यह है कि लोग पेयजल की उपलब्धता को लेकर इधर-उधर भागदौड़ करने को विवश हैं। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत रोरद के केकरांग, चांदगो एवं बगल पर और ख्वास रोरद में निर्मित जलमीनार विगत दो वर्षों से मरम्मत के अभाव में जनता को चिढ़ा रहा है। यहां पर निर्मित जलमीनार बनने के समय से लोगों को एक बूंद पानी देने के बदले खुद ही प्यासा साबित हो रहा है। इधर ग्राम पंचायत रोरद अंतर्गत ग्राम चांदगो निवासियों के अनुसार गांव में निर्मित जलमीनार जो लगभग 5 सालों से पीने की पानी देने के बदले जनता को चिढ़ाने का कार्य कर रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि चांदगो में ही निर्माण कराया गया नवनिर्मित जलमीनार का टंकी गायब है। गांव वालों के अनुसार नवनिर्मित जलमीनार को पूर्ण करा दिए जाने की बात कही जाती है और जलमीनार में टंकी तक लगाया नहीं गया है। इससे यही प्रतीत होता है कि सरकारी राशि को किस तरह से बंदरबांट किया गया है। बहरहाल रोरद पंचायत क्षेत्र में दर्जनों जलमीनार जनहित में निर्मित करा दिया गया है लेकिन आधे से अधिक जलमीनार निर्माण के समय से ही बेकार साबित हो रहा है। ऐसे में अब जनता को चुल्लू भर पीने की पानी की जुगत हेतु इधर-उधर भटकना मजबूरी बन गया है।