रंजीत कुमार
रांची: टोटेमिक कुड़मी/कुरमी (महतो) समाज के प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए टोटेमिक कुड़मी/कुरमी (महतो) समाज के मुख्य संयोजक शीतल ओहदार ने कहा कि कुड़मी/कुरमी महतो जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सुचिवद्ध करने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आगामी 18 फरवरी 2024 को मोरहाबादी मैदान रांची में कुड़मी हूंकार महारैली का आयोजन किया गया है। जिसमें लाखों की संख्या में कुड़मी समाज के लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा, अपने पारंपरिक नाच-गाना जैसे छऊ नाच, झुमर नाच, पता नाच, नटुवा नाच, घोड़ा नाच एवं गाजा-बाजा के साथ शामिल होंगे। जिसकी ग्राम स्तर पर वृहद रूप में तैयारी की जा रही है। श्री ओहदार ने कहा कि हूंकार महारैली की आह्वान पुरे झारखंड में फैल गया है क्यों कि कुड़मी समाज के ऊपर चौतरफा हमला हो रहा है। समाज 73 वर्षों से अपने पहचान और संवैधानिक अधिकार से वंचित हैं। किंतु युवा वर्ग अपने अधिकार के प्रति सजग हो गये हैं इसलिए अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने कुड़मी सांसदों से भी आग्रह किया है कि अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग को ज़ोरदार तरीके से उठाना चाहिए।
प्रेस वार्ता में प्रधान महासचिव रामपोदो महतो, महिला मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सुषमा देवी, केंद्रीय कोषाध्यक्ष सखीचंद महतो संरक्षक दानि सिंह महतो, प्रवक्ता क्षेत्र मोहन महतो, उपाध्यक्ष रूपलाल महतो, जिला अध्यक्ष सोना लाल महतो, सिल्ली प्रभारी शशि रंजन महतो, रावंति देवी, रविता देवी, मालती देवी,रंजीत महतो आदि उपस्थित थे।