Sunil Raaj
गिरिडीह : इस देश में बड़ी-बड़ी कंपनियों को वन भूमि को लूटने की पूरी छूट दी गई है लेकिन आदिवासियों, गरीबों के ऊपर मजबूरी में एक झोपड़ी बनाने पर भी गाज गिर जाती है। जबकि सरकार को चाहिए कि, एक-एक आदिवासी या गरीब जो वन भूमि पर आश्रित हैं या खेती-बाड़ी करते हैं, उन्हें चिन्हित कर वन भूमि का पट्टा निर्गत करे।
उक्त बातें बेंगाबाद के पूर्व जिप सदस्य एवं फारवर्ड ब्लाक के नेता राजेश यादव ने आज गेनरो पंचायत के छोटकी कुम्हारिया सहित आसपास के कई गांवों में भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों से वन भूमि पर निर्भरता के बावजूद जमीन का पट्टा नहीं मिल पाने की समस्या सुनने के बाद कही।श्री यादव के समक्ष क्षेत्र के लोगों ने अपने दूसरे सवालों को भी रखते हुए इससे उन्हें हो रही परेशानियों से अवगत कराया। उनकी समस्याओं को सुनने के बाद फारवर्ड ब्लाक नेता ने कहा कि, यहां के लोग 6 किलोमीटर दूर से राशन लाते हैं। इलाके के स्कूलों में ठीक से पढ़ाई नहीं होती। पूरे पंचायत क्षेत्र में कहीं भी सरकारी चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं। पंचायत सचिवालय सिर्फ नाम के हैं, वहां जनता का कोई काम आमतौर पर होता नहीं, वहीं काम लेकर प्रखंड-अंचल जाने वाले लोगों से वहां खुलेआम रिश्वत की मांग की जाती है। कहा कि, बावजूद इसके इनका वोट लेने वाले प्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन या सरकार तक को इन समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं। यह बहुत दुखद है।
उन्होंने लोगों से अपने तमाम सवालों को सामने रखकर संगठित हो संघर्ष करने का आह्वान किया। कहा कि ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक उनके हर जायज मांग के साथ है। श्री यादव ने वन भूमि पट्टा को लेकर शीघ्र ही आंदोलन शुरू करने की बात भी कही।मौके पर फॉरवर्ड ब्लॉक नेता शंभू ठाकुर सहित स्थानीय अशोक हांसदा, अनिल हांसदा, गोपिन हेंब्रम, चुड़का हांसदा, नुनुलाल हांसदा, बड़का हांसदा, रसिका हेंब्रम, रामेश्वर हांसदा, दर्शन टुडू, सोनालाल हांसदा, बोसे हेंब्रम सहित अन्य मौजूद थे।