Eksandeshlive Desk
रांची : जिले के सभी थानों से आये जांच अधिकारियों (इंवेस्टीगेटिंग ऑफिसर) के लिए क्षमता निर्माण सह कानूनी जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन रविवार को व्यवहार न्यायालय में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई। डालसा सचिव कमलेश बेहरा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि के रूप में एजेंसी 15 के अमित शेखर ने कहा कि बहुत सारे अनुसंधान ऐसे होते हैं, जिसमें अनुसंधान के दौरान जांच अधिकारियों को सबूत लाना होता है, तो जांच अधिकारी उसे नहीं ला पाते। त्रुटि पूर्ण अनुसंधान होने के कारण खामियाजा पीपी को भुगतना पड़ता है।
बेररा ने कहा कि अनुसंधान सही तरीके से नहीं होने के कारण दोषियों को लाभ मिल जाता है। इसके अलावा उन्होंने उपस्थित सभी जांच अधिकारियों से कहा कि आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी अधिकारियों को अनुसंधान के कड़ियों को बारीकी से समझाना है। इसके फलस्वरूप उन्होंने अनुसंधान के कड़ियों को पृथक कर समझाया। उन्होंने सेक्शन-42, डॉक्युमेंटेशन के बारे में बताया। बेहरा ने एनडीपीएस एक्ट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी जांच अधिकारियों को यह जानना आवश्यक है कि समय-सीमा के अंदर रिपोर्ट तैयार करें। जब्त पदार्थों को समय सीमा पर मैजिस्ट्रेट के पास भेजें। जब्त सामग्रियों के जब्ती तथा भंडारण के बारे में भी उपस्थित लोगों को बताया गया। उन्होंने एनडीपीएस एक्ट के सेक्शन 50 के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पीओ एमएसीटी मनीष ने मोटर वाहन दुर्घटना में मिलने वाले मुआवजा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारियों के जरिये जांच सही होगी तो पीड़ित या पीड़िता के घरवालों को जल्द-से जल्द मुआवजा मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने सभी जांच अधिकारियों को उच्च न्यायालय के आदेश और ऑर्डर को पूरी तरह से फॉलो करने की बातें कही। दुर्घटना होने पर एफआईआर की एक कॉपी एंश्योरेंस कंपनी, एक कॉपी एमएसीटी कोर्ट में भी देने पर बल दिया।
मनीष ने कहा कि सड़क दुर्घटना होने पर जांच अधिकारी घटनास्थल पर जायें और फोटो लें। साथ ही वीडियो शूट करें तथा स्क्रैपमैप तैयार करें। उन्होंने फॉर्म-1 48 घंटे के अंदर तैयार कर इंश्योरेंस कंपनी और एमएसीटी कोर्ट में देने की बात कही। साथ ही फॉर्म 1 से लेकर फॉर्म-6 तैयार समय सीमा पर करने की बात कही। एजेंसी-1 के योगेश कुमार ने उपस्थित जांच अधिकारियों को सीडीआर संग्रह करने और सेक्शन-65 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एजेसी-4 के मो. आसिफ इकबाल ने उपस्थित जांच अधिकारियों को पॉक्सो एक्ट के बारे में बताया।