लूट-झूठ और नौटंकी छोड़कर जनता को बिजली- पानी मुहैया कराए राज्य सरकार : अन्नपूर्णा देवी

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Eksandesh Desk

कोडरमा : केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री और कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी ने कोडरमा और गिरिडीह जिले में बिजली और पेयजलापूर्ति व्यवस्था की लचर स्थिति और इसकी वजह से आम लोगों को हो रही परेशानी के लिए राज्य सरकार को जमकर लताड़ा है। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झामुमो – कांग्रेस – राजद गठबंधन की बेशर्म सरकार की आंखों का पानी सूख चुका है और उनमें जनसमस्याओं के समाधान की ऊर्जा बची नहीं है। यही कारण है कि यह झूठी और लुटेरी सरकार न तो पेयजल की किल्लत के कारण जनता के सूखे कंठ की तकलीफ महसूस कर पा रही है, न बिजली की आंख मिचौनी के कारण जनता को हो रही परेशानी से इस सरकार को कोई मतलब है। 

उन्होंने कहा कि झुमरीतिलैया, कोडरमा, गिरिडीह आदि शहरी क्षेत्रों के साथ साथ पूरे कोडरमा और गिरिडीह जिले में बिजली की आंख मिचौनी और अनियमित जलापूर्ति के कारण लोगों का जीना मुहाल है। दूसरी तरफ असंवेदनशील राज्य सरकार झूठ और लूट के कारोबार में व्यस्त है और जिम्मेवार महकमे के अफसर – कर्मचारी बेलगाम हैं, लोगों की शिकायतों को सुननेवाला कोई नहीं है। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान लम्बी लम्बी हांकनेवाले राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के तमाम बयानवीर नेता पता नहीं किस बिल में जा छिपे हैं और जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। जो सरकार जनता को पानी व बिजली सही तरीके से नहीं दे सकती है, उसे रहने का कोई अधिकार नहीं है। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पूरे राज्य की तरह कोडरमा और गिरिडीह जिला भी प्रचंड गर्मी की चपेट में है। इस भीषण जानलेवा गर्मी में भी शहरी क्षेत्रों में मात्र 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों का हाल तो और भी बुरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ छह से आठ घंटे ही बिजली मिल पा रही है।  इस तपती गर्मी में खासकर बच्चे, बुजुर्ग व किसान परेशान हैं। शहर में बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को रात रात भर जगना पड़ रहा है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई ट्रांसफॉर्मर जले पड़े हैं। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। स्थिति इतनी खराब है कि कई गांव महीनों से अंधेरे में हैं। बिजली बोर्ड के अधिकारी फोन तक नहीं उठाते। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान आकृष्ट कराए जाने पर अधिकारी एसी चेंबर में बैठकर सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं।

पेयजलापूर्ति के मामले में भी भयंकर कोताही की जा रही है जिससे कई इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है। जिन इलाकों में पाइप से जलापूर्ति की व्यवस्था है वहां दो दो दिन के अंतराल पर अत्यंत छोटी अवधि के लिए जलापूर्ति हो रही है, जिससे सिर फुटव्वल की स्थिति बन जा रही है। खराब पड़े चापकलों की मरम्मत नहीं हो रही है। साधनहीन इलाकों में जन प्रतिनिधियों द्वारा टैंकर से जलापूर्ति का आग्रह किए जाने को विभागीय अधिकारी अनसुना कर दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिजली – पानी आपूर्ति की यह अव्यवस्था आम जनता में आक्रोश बढ़ा रही है। अब उग्र आंदोलन के अलावा कोई विकल्प दिख नहीं रहा है। यदि 24 घंटे के भीतर बिजली – पानी आपूर्ति की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो जनता सड़क पर उतरेगी और उससे उत्पन्न अव्यवस्था के लिए पूर्णतः राज्य सरकार जिम्मेवार होगी।