मेसरा मैदान का अस्तित्व को बचाने के लिए ग्रामीण मुखर

360° Editorial Ek Sandesh Live

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मेसरा : पुराने समय से सार्वजनिक कार्यक्रमों और युवाओं के शारीरिक व बच्चों के खेलों के विकास के लिए उपयोग में लाया जा रहा मेसरा गांव के  स्कूल खेल मैदान के अस्तित्व को बचाने के लिए ग्रामीणों ने मुखर विरोध किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कई स्तर पर आवेदन दिया जाने को लेकर क्षेत्र भर में हस्ताक्षर अभियान जारी है। ग्रामीणों के अनुसार स्कूली बच्चों के अलावा सार्वजनिक उपयोग के इस खेल मैदान को मिलीभगत कर छात्रावास भवन निर्माण की तैयारी हो रही है। जबकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि और स्कूल में स्कूल भवन और छात्रावास के अलावा एक खेल का मैदान जरूर होना चाहिए। मेसरा गांव का खेल मैदान इसके लिए पूरी तरह उपयुक्त है‌। जिप सदस्य संजय कुमार महतो,मुखिया कुशल मुंडा,पूर्व मुखिया गंगा करमाली,प्रो. अब्दुल रज़्ज़ाक़ अंसारी,समाजसेवी टीपू महतो व प्रीतम लोहरा,शेख तौहीद, श्रवण करमाली समेंत ग्रामीणों ने बताया कि यह पूर्व मेसरा पंचायत का इकलौता पुराना खेल का मैदान है। इस मैदान में पूर्वजों के समय से सभी तरह के सांस्कृतिक,सामाजिक, धार्मिक,मांगलिक,वैवाहिक,खेल टूर्नामेंट और अन्य सामूहिक कार्यक्रम होता आ रहा है। मैदान से सटे उत्तर दिशा में बुनियादी विद्यालय मेसरा व सीएम एक्सीलेंस मॉडर्न स्कूल और पश्चिम में रांची हजारीबाग की राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क है। यहां उक्त दोनों विद्यालयो के छात्र-छात्राओं के अलावा स्थानीय लोग भी खेलकूद और अन्य शारीरिक सौष्ठव अभ्यास के लिए इस मैदान का उपयोग करते हैं। सामाजिक व धार्मिक कार्यों के लिए इस मैदान का उपयोग हमेशा से है। जहां समय-समय पर देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों के संत-महात्मा,महंत, कथा वाचक और प्रवचन कर्ताओं का अनुष्ठान और कार्यक्रम होता रहता हैं। राजनीतिक दल भी अपनी सभाओं के लिए इस मैदान का उपयोग करते हैं। लेकिन मिलीभगत कर इस खेल मैदान का अस्तित्व समाप्त कर इसकी जमीन को बंदरबांट करने की तैयारी चल रही है। इसके खिलाफ कई जगह आवेदन दिया जा रहा है। नौकरी के लिए कई गांवों के युवा वर्ग यहां आकर दौड़ने,लंबी कूद व ऊंची कूद का शारीरिक अभ्यास व कसरत करते हैं। महिलाओं और बुजुर्ग शरीर को दुरुस्त रखने के लिए रोजाना टहलते हैं।