Eksandeshlive Desk
रांची: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ, झारखंड शाखा की महिला उपाध्यक्ष रूपम कुमारी ने सभी महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। चाहे वह नौकरीपेशा महिलाएं हों, व्यवसायी हों या गृहिणी, सभी का योगदान देश की अर्थव्यवस्था और समाज के विकास में विशेष महत्व रखता है।
उन्होंने कहा कि आज भी समाज में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम आंका जाता है, लेकिन सरकार द्वारा 33% आरक्षण जैसी नीतियों से महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे समाज के हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। संघ की महिला सदस्य सीमा कुमारी ने कहा कि महिला दिवस महज एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकार, सम्मान और सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा है। समाज को महिलाओं के कार्यस्थलों पर उनके अधिकारों व गरिमा के अनुरूप सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल प्रदान करने की दिशा में गंभीर कदम उठाने चाहिए। साथ ही, महिलाओं के प्रति अपराध करने वालों के खिलाफ कठोर दंड की आवश्यकता है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आ सके। संघ के समन्वयक अरुण कुमार सिंह ने दिव्यांग महिलाओं की दोहरी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्हें न केवल समाज में स्वीकार्यता की कमी का सामना करना पड़ता है, बल्कि शिक्षा, रोजगार और विवाह जैसी मूलभूत आवश्यकताओं में भी कठिनाइयाँ आती हैं। कार्यस्थलों पर उनकी सुगमता सुनिश्चित करने और दिव्यांग महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार को विशेष कानून और योजनाएँ लागू करने की जरूरत है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। इसके अलावा, सीमा कुमारी ने झारखंड सरकार से आग्रह किया कि “मंईयां सम्मान योजना” में दिव्यांग, विधवा और बुजुर्ग महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को दूर किया जाए। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह आवश्यक है कि सभी महिलाओं को समान अवसर और सम्मान मिले, चाहे वे किसी भी सामाजिक या शारीरिक स्थिति में हों। राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ, झारखंड शाखा महिलाओं के अधिकारों, सुरक्षा और समानता के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में निरंतर कार्य करता रहेगा।