Ranchi: विधानसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग (Department of Agriculture, Animal Husbandry and Cooperation) की अनुदान मांग कल यानी मंगलवार को स्वीकृत हो गई. सत्र में भारी बहिष्कार के बीच ही विभाग को 2804 करोड़ 13 लाख 88 हजार की अनुदान मांग स्वीकृत हुई है. इस दौरान विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है पर उसे पूरा नहीं कर पाती.
मंत्री बादल पत्रलेख ने भी विपक्ष को दिया जवाब
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) ने विपक्ष को घेरे में लिया. मंत्री ने कहा कि सदन में बात रखकर विपक्ष को निकल जाने की आदत हो गई है. इस पर विपक्ष ने मंत्री बादल पत्रलेख पर सदन में सवाल पूछते हुए कहा कि धान की खरीद नहीं होने से किसान अपने धान बिचौलिया को बेचने को मजबूर हैं और जिन किसानों का धान खरीदा भी गया, उनका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है.
मंत्री ने सदन में खर्च का पूरा विवरण दे दिया
मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान मंत्री बादल पत्रलेख ने सदन में विभाग के खर्च का पूरा विवरण दे दिया. सदन में उन्होंने बताया कि मत्सय प्रक्षेप में 79 प्रतिशत, सहकारिता व डेयरी में 75 प्रतिशत और कृषि में 45 प्रतिशत राशि उनके विभाग द्वारा खर्च की जा चुकी है. सदन को विभाग के खर्च का विवरण देते हुए साथ ही उन्होंने बताया कि सिर्फ 16 प्रतिशत राशि भूमि संरक्षण में कम खर्च हुई है.
बादल बरसते तो नहीं होता सुखाड़
विधानसभा सत्र के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो (Lambodar Mahto) ने मंत्री बादल पत्रलेख पर तंज कसते हुए कहा कि अगर बादल सचमुच बरसते तो सुखाड़ नहीं होता. विधायक लंबोदर महतो यही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल आंकड़ों के बाजीगर हैं. सदन में मंत्री बादल द्वारा बताए गए आंकड़ों के इतर विधायक लंबोदर महतो ने आंकड़ा बताते हुए कहा कि मंत्री के पूरे विभाग में 22.4 प्रतिशत ही राशि अभी तक खर्च हो पाई है. जबकि कृषि में तो मात्र 10.71 फीसद ही अब तक खर्च हुआ है.