Ashutosh Jha
काठमांडू : नेपाल के मधेश में निवास करनेवाली आधी आबादी के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लंबे अर्से से संघर्षरत एक राजनीतिक समूह मधेशी जन अधिकार फोरम मधेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाग्यनाथ प्रसाद गुप्ता ने एक संक्षिप्त चातचीत में कहा है कि वे मरते दम तक अपने समर्थकों के साथ डेढ़ करोड़ मधेशियों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
इन्होंने कहा कि मधेश को सर्वाधिक खतरा नामचीन मधेशवादी दलों से ही है, क्योंकि वे मधेशी मतों के लिए लोगों का उपयोग करते हैं और सत्ता प्राप्ति के बाद मधेशियों के मुद्दों को रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं। मधेशियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने के बाद उनकी सुधि कोई नहीं लेता। नेपाली कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टियां व अन्य संसद में प्रतिनिधित्व करनेवाले दलों को मात्र चुनाव के समय मधेशियों की याद आती है। ये दल इस वक्त मधेशियों की दुरावस्था पर आठ-आठ आंसू बहाकर मधेशियों की सहानुभूति प्राप्त कर लेने में सफल होते रहे हैं। मधेशी जनअधिकार फोरम मधेश काफी समय से बाइस जिलों को सम्मिलित कर समग्र मधेश, एक स्वायत्त प्रदेश, पूर्ण समानुपातिक निर्वाचन प्रणाली, जनसंख्या के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों के निर्धारण, हिन्दी को नेपाल में राष्ट्रीय भाषा घोषित करने, नेपाल के विभिन क्षेत्रों में बोली जानेवाली भोजपुरी, मैथिली, अवधी, बज्जिका आदि भाषाओं को सम्मानजनक दर्जा देने सहित अन्य कई प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन करती आ रही है लेकिन नेपाल सरकार इसे दरकिनार कर रही है।