मुखिया, जीप सदस्य व पंचायत समिति सदस्य के विरुद्ध शिकायत दर्ज

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मेसरा: विकास चौक से टूकुटोली गांव जाने वाली सड़क के किनारे विकास विद्यालय नेवरी प्रबंधन के द्वारा निर्माण किए गए चारदीवारी को लगभग पचास साठ ग्रामीणों के द्वारा गिरा दिया गया. साथ ही सुरक्षा गार्ड व विद्यालय के कर्मचारियों के साथ गाली गलौज व हाथापाई की गई. इस संबंध में विद्यालय के प्राचार्य पीएस कालरा ने नेवरी मुखिया साधो उरांव, जीप सदस्य संजय कुमार महतो व नेवरी पंचायत समिति सदस्य मदन महतो के विरुद्ध बिआईटी मेसरा थाना में लिखित शिकायत दी है. साथ ही इसकी कॉपी एसएसपी व उपायुक्त को इसकी प्रतिलिपि दी गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह आठ नौ बजे के लगभग विकास से टूकुटोली जाने वाली सड़क के किनारे सिमेंटेड स्लैब से बनाए जा रहे चारदिवारी को ग्रामीणों के द्वारा रोकवा दिया गया. बाद में विकास विद्यालय के प्राचार्य के प्रतिनिधि के रूप में बातचीत करने आए विजय प्रसाद को ग्रामीणों ने चारदीवारी हटाने को कहा. इस पर नोकझोक होने लगी. बात आगे बढ़ने के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए. बाद में ग्रामीणों ने उसे गिरा दिया गया. ग्रामीणों व जन प्रतिनिधियों का कहना है कि बूढ़ा महादेव मंदिर की तीन डिसमिल जमीन व उक्त सड़क की तीन फीट सरकारी जमीन का विद्यालय प्रबंध अतिक्रमण कर रह है. जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है. मौके पर जीप सदस्य संजय कुमार महतो, पंसस मदन महतो, कामेश्वर महतो, सूरज सिंह के अलावे विकास चौक,नेवरी के ग्रामीण मौजूद थे.
सरकारी जमीन का अतिक्रमण हो रहा था

मुखिया नेवरी मुखिया ने कहा कि विकास विद्यालय प्रबंधन सड़क के किनारे तीन फीट सरकारी जमीन के अलावे बूढ़ा महादेव मंदिर की तीन डिसमिल जमीन का अतिक्रमण कर चारदीवारी का निर्माण कर रहा था. इसे लेकर दो दिन पूर्व प्राचार्य से शिकायत भी की गई थी. बाद में हल्का कर्मचारी के द्वारा मौखिक रूप से निर्माण कार्य रोकने को कहा गया था. इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी था. श्री उरांव ने कहा कि इस संबंध में सभी उपायुक्त सहित आला अधिकारियों को लिखित शिकायत की एक दिन पूर्व की गई थी.
75 साल की पुरानी जर्जर चारदीवारी के स्थान पर निर्माण कराया जा रहा था

प्राचार्य विकास विद्यालय के प्राचार्य पीएस कालरा ने कहा कि विद्यालय में 12 वीं क्लास की बच्चियां पढ़ती है. उनकी सुरक्षा को देखते हुए 75 साल पूर्व जर्जर चारदीवारी के स्थान पर निर्माण कराया जा रहा था. था तो जांच का विषय है. मैने एक इंच जमीन आगे नहीं की है. जहां तक बूढ़ा महादेव मंदिर की जमीन की बात है तो मंदिर की जमीन मंदिर का ही रहेगा. मापी के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.