मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने जमशेदपुर के बालीगुमा में रखी मेधा डेयरी प्लांट की आधारशिला

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Eksandeshlive Desk

रांची : झारखंड को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि इसे अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है। मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने आज जमशेदपुर के बालीगुमा में मेधा डेयरी प्लांट के भूमि पूजन कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा तथा किसानों- पशुपालकों के आय स्रोत में बढ़ोतरी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली से ही राज्य की समृद्धि संभव है । ऐसे में किसानों को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रचार प्रसार नहीं, काम पर विश्वास करती है हमारी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जो भी योजनाएं बना रही हैं, उसे धरातल पर उतारने का काम कर रही है। हम योजनाओं के प्रचार- प्रसार से ऊपर उठकर उसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। आज राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़कर लोग अपने को सशक्त बना रहे हैं।

विकास की नई गाथा लिख रहे हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में हमारी सरकार के द्वारा विकास के जो कार्य किए गए हैं, वह पिछले 19 वर्षों में नहीं हुआ। हेमन्त बाबू ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी और तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच अपने कुशल नेतृत्व से जिस तरह विकास को नई रफ्तार दी, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। आज झारखंड विकास की नई गाथा लिख रहा है । हेमन्त बाबू ने विकास की जो लकीर खींची है, उसी दिशा में हमारी सरकार आगे बढ़कर राज्य को संवारने का कार्य कर रही है।

आदिवासी- मूल वासियों की अस्मिता और सम्मान से कोई समझौता नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के आदिवासी -मूलवासी हमेशा हाशिये पर रहे। इनके दुःख- दर्द की किसी ने चिंता नहीं की। ऐसे में झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद भी यहां के लोग पिछड़ते ही चले गए। लेकिन, हमारी सरकार आदिवासियों और मूलवासियों की भावना, अस्मिता और सम्मान के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। इन्हें सशक्त बनाने का प्रयास शुरू हो चुका है। इन्हें इनका हक और अधिकार हर हाल में मिलेगा।

शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बेहतर समाज और राज्य का निर्माण तभी संभव है, जब हमारे बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिलेगी। इसी सोच को ध्यान में रखकर यहां स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस तथा मॉडल स्कूल खोले गए हैं, जहां गरीब बच्चे भी इंग्लिश मीडियम से शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। आर्थिक तंगी से बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो, इसके लिए भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। झारखंड के गरीब बच्चे भी पढ़ लिखकर एक मुकाम हासिल करें, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जा रही है।

अब प्राइमरी स्कूलों में बच्चे अपनी मातृभाषा में कर सकेंगे पढ़ाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की जनजातीय और स्थानीय भाषा एवं संस्कृति को बचाने और समृद्ध बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय और अन्य स्थानीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू की जाएगी। बच्चे अब अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करेंगे। इस दिशा में शिक्षकों की नियुक्ति जल्द होगी।

जेएसएससी की रद्द हुई परीक्षा जल्द ली जाएगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेएसएससी की पेपर लीक की वजह से रद्द हुई परीक्षा को लेने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह परीक्षा बहुत जल्द आयोजित की जाएगी। अभ्यर्थियों को निराश होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 30 हज़ार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है। हमारी सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

चांडिल डैम से भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से इस क्षेत्र के खेतों में पहुंचेगा पानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अब सालों भर खेती का कार्य कर सकेंगे । इसके लिए सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चांडिल डैम से भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से खेतों में पानी पहुंचेगा। इसके लिए जल्द योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जा रहा है। लगभग 15 हज़ार किलोमीटर ग्रामीण सड़क बनाई जा रही है। अबुआ आवास योजना के तहत 20 लाख लोगों को तीन कमरों का मकान देंगे। गांव और शहर के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा भी कई और ऐसी योजनाएं चल रही हैं, जो इस राज्य को नई दिशा देगी।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री श्री बादल, विधायक श्री मंगल कालिंदी, श्री समीर मोहंती और श्री संजीव सरदार, प्रमंडलीय आयुक्त श्री हरि कुमार केशरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अरवा राजकमल समेत जिला प्रशासन के कई वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।