sunil Verma
रांची: अखिल झारखंड छात्र संघ आजसू के रांची विश्वविद्यालय अध्यक्ष अभिषेक शुक्ल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा नीट (राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा ) 2024 संदेह के घेरे में है इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को कैसे 720 अंको की परीक्षा में 720 अंक प्राप्त हुए जबकि इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान है। एक ही सेंटर से सात छात्र-छात्राओं को 720 में 720 अंक प्राप्त हुए। अगर पिछले 10 से 15 सालों का इतिहास उठाकर देखा जाए तो अचानक कट ऑफ इतना ऊपर जाना संदेह के घेरे में है। बहुत सारे छात्र-छात्राओं को 718 और 719 अंक दिए गए हैं जो की मैथमेटिकली किसी भी तरह से सही नहीं है । जिस नंबर पर छात्र-छात्राओं को पिछले वर्ष 2023 मे 17000 रैंकिंग आई थी इस वर्ष उतने ही अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की रैंकिंग 50000 के पार कैसे पहुंच गई। एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) का कहना है की 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार छात्र छात्राओं को ग्रेस मार्क्स दिया गया है जबकि वह 2018 का फैसला सिर्फ क्लैट( कंसोर्टियम ऑफ लॉ यूनिवर्सिटीज )के परीक्षा के लिए था और उस फैसले में साफ-साफ सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था की नीट की परीक्षा में किसी प्रकार का कोई ग्रेस मार्क्स का प्रावधान नहीं होगा। उसके बावजूद किस आधार पर एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) ने इतनी भारी मात्रा में छात्र-छात्राओं को ग्रेस मार्क्स दिया।आगे अभिषेक शुक्ल ने कहा के देश के सर्वोच्च परीक्षा एजेंसी पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होना काफी चिंता का विषय है यह सीधा-सीधा छात्र छात्राओं के भविष्य और उनके मनोबल पर प्रहार कर उसे चकनाचूर करने जैसा है। जितने भी सवाल छात्र-छात्राओं द्वारा उठाए गए हैं उन हर एक सवालों का निष्पक्षता से जांच कर करवा कर सारी सच्चाई को सामने लाया जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।