नेपाल और भारत के संबंध सदियों प्राचीन है जिसकी कोई मिसाल नहीं हैं : देवी सहाय मीणा

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Eksandeshlive Desk

आशुतोष झा

काठमांडू। नेपाल के बीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दूत देवी सहाय मीणा के स्वागत तथा बीरगंज – रक्सौल जनस्तर के संबंध विषयक विचारगोष्ठी सम्पन्न हुई है। बीरगंज में नेपाल भारत सहयोग मंच ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। नेपाल-भारत सहयोग मंच के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए भारतीय महावाणिज्य दूत मीणा ने कहा कि नेपाल और भारत के संबंध सदियों प्राचीन है जिसकी कोई मिसाल नहीं हैं। उन्होंने दोनों देशों के रिश्ते अपने कार्यकाल में और गहरे होने का भरोसा दिलाया। कार्यक्रम की अध्य्क्षता नेपाल-भारत सहयोग मंच के राष्ट्रीय अध्य्क्ष अ‌शोक कुमार बैद ने की। अपने अध्यक्षीय उद्‌बोधन में बैद ने नेपाल – भारत के साझा सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक संबंधों पर गहरा प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नेपाल-भारत के धार्मिक, संबंधों को पशुपति नाथ, भगवान श्री राम, माता जानकी एवं मुक्तिनाथ के कारण विशिष्ट रूप से प्रतिपादित किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी व्यक्तिगत तौर पर इसकी महत्ता को अंगीकार किया है। नेपाल – भारत सहगोग मंच के अध्यक्ष अशोक कुमार बैद ने आगे कहा कि रामायण सर्किट के सम्यक विकास के लिए दोंनो देश तत्पर भी हैं। इन्होने वीरगंज- रक्सौल के जनस्तर के संबंध को और मजबूत बनाने के लिए सीमावर्ती नगरों को जोड़‌नेवाली सिरिसिया नदी के महत्व पर भी प्रकाश डाला। भारतीय महावाणिज्य दूत देवी सहाय मीना ने अपने सम्मान के लिए नेपाल-भारत सहयोग मंच का आभार व्यक्त करते हुए नेपाल-भारत के संबंध की चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को परापूर्वकाल से चलते रहने का जिक्र किया तथा सीमावर्ती क्षेत्रों की सामाजिक एकता की भरपूर प्रशंसा की। इन्होंने दोंनो देश के आम नागरिक, व्यवसाई, मीडिया के स्तर पर ही मजबूत संबंध स्थापित करने के लिए हर स्तर पर सहयोग करने का आग्रह किया। तुलसी दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में तुलसी जी के महत्त्व को भी रेखांकित किया गया। कार्यक्रम में नेपाल उद्योग वाणिज्य महासंध के मधेश प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष गणेश लाठ ने रक्सौल-वीरगंज के पुराने संबंध की चर्चा की। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार चन्द्र किशोर झा ने कहा कि दोनों देशों की खुली सीमा को एक अवसर के रूप में चित्रित किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में सहभागियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर अनिल सिन्हा, अशोक सिन्हा, नेपाल भारत सहयोग मंच के महासचिव तथा वरिष्ठ एडवोकेट बालमुकुन्द खरेल, वीरगंज के प्रमुख पत्रकार ध्रुव साह तथा भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों के पत्र‌कारों की विशिष्ट उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अभ्यन्त्रर तुलसी पूजन दिवस की नेपाल – भारत सह‌योग मंच के अध्य्क्ष श्री बैद ने शुभकामनाएं दी| शंख ध्वनि तथा स्वस्ति वाचन भी किया गया।