निदेशक डॉ. सुजय रक्षित बने राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के फेलो

Editorial

Eksandeshlive Desk
नामकुम। राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (NASI), भारत का 93 वां वार्षिक सत्र का आयोजन 3-5 दिसंबर के दौरान भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई में आयोजित किया जा रहा है । इस सत्र में नामकुम स्थित के भुसुर भाकृअनुप-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सुजय रक्षित को वार्षिक सत्र के दौरान अकादमी के फेलो के रूप में शामिल किया गया है। मालूम हो कि NASI देश की सबसे पुरानी विज्ञान अकादमी है, जिसकी स्थापना 1930 में हुई थी, जिसके संस्थापक अध्यक्ष प्रोफेसर मेघनाद साहा थे । NASI स्क्रीनिंग की कठोर प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न विषयों में भारतीय वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है । डॉ. रक्षित को वर्तमान अध्यक्ष, प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक और भारत सरकार के पूर्व सचिव प्रोफेसर बलराम भार्गव द्वारा अकादमी की फ़ेलोशिप में शामिल किया गया ।
संस्थान के निदेशक डॉ. रक्षित ने मक्का, ज्वार, लघु बाजरा, चावल और दालों के सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
उन्होंने 28 आनुवंशिक स्टॉक के अलावा मक्का की 14 संकर और एक चारा ज्वार किस्म जारी की है । उन्होंने मक्का में DUS परीक्षण के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश विकसित कर के किस्म संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय संस्थान, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, लुधियाना और भारतीय कृषि जैवप्रौद्योगिकी संस्थान, राँची की स्थापना एवं विकाश में महत्वपूर्ण योगदान रहा है । वर्तमान में डॉ. रक्षित भारतीय कृषि जैवप्रौद्योगिकी संस्थान, राँची के निदेशक है । यह संस्थान पौधों, जानवरों, मत्स्य पालन और सूक्ष्मजीवों के इंटरफेस के रूप में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अग्रणी अनुसंधान करता है, इसके अलावा यह बी.टेक और एम.एस.सी जैवप्रौद्योगिकी और अन्य विषयों में पाठ्यक्रम प्रदान करता है ।