Eksandeshlive Desk
बेरमो : गिरिडीह लोकसभा में डॉक्टर उषा सिंह के निर्दलीय खड़ा होने से राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है। जैसे से चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है चुनाव का प्रचार प्रसार की सरगर्मियां भी तेजी से पकड़ रही है। डॉ उषा सिंह के निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने से गिरीडीह लोकसभा चुनाव बदला चतुष्कोणीय मुकाबले में। मंगलवार को गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में सुशासन दल समर्थित निर्दलीय महिला प्रत्याशी डॉ उषा सिंह और सुशासन दल के प्रदेश अध्यक्ष रामकिंगर पाडेय ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर प्रचार वाहन को फुसरो स्थित निर्मल चौक से रवाना किया। कहा कि जनता के आशीर्वाद से लोकसभा चुनाव जीतेंगे। इस प्रचार वाहन के माध्यम से गिरिडीह लोकसभा के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर मतदाताओं से समर्थन मांगा गया। “परिर्वतन का संकल्प डॉ उषा सिंह एक विकल्प” के नारे के साथ यह प्रचार वाहन क्षेत्र में घुमेगा। वहीं, जनसंपर्क अभियान के तहत डॉ उषा सिंह ने गोमिया विधानसभा के अंतर्गत हजारी वैद्य टोला, हजारी मोड़ शिव मंदिर, स्वांग मार्केट, न्यू माइनस स्वांग, हजारी पटवा बस्ती, साडम चटनियाबागी, तेनुघाट आदि अन्य क्षेत्रों का दौरा कर मतदाताओं से समर्थन मांगा। उन्होंने मतदाताओं के बीच गिरिडीह संसदीय क्षेत्र की समस्याओं को जाना और जल्द ही इसका निराकरण करने का आश्वासन दिया। जनसंपर्क के दौरान डॉ उषा सिंह ने चुनाव में अपने एजेंडे को मतदाताओं के बीच रखा। एजेंडे को सुनकर मतदाता भी प्रभावित हुए। मतदाताओं ने उत्साहित होकर प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन देने की बात कही। वहीं, देवीपुर बाजार नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। सभा के माध्यम से जनसम्पर्क कर समर्थन जुटाने का काम किया। इस अवसर पर डॉ उषा ने कहा कि मैं पांच साल तक गिरिडीह को पिछड़ने नहीं दे सकती हूं। मैं आई हूं और पांच साल में गिरिडीह लोकसभा में सुधार लाउंगी। इस लोकसभा क्षेत्र में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां के सारे लोगों को पानी, बिजली, स्वास्थ्य की सुविधा नहीं मिल पा रहा है। गिरिडीह लोकसभा की जनता यह सुविधा दिलाने का सार्थक प्रयास करूंगी। इस क्षेत्र का समग्र विकास हो, इसका विश्वास संसदीय क्षेत्र के निवासियों को दिलाती हूं। मौके पर दिनेश सिंह, अजय मिश्रा, कुलदीप प्रजापति, गुलाब कुमार महतो, मिथुन चंद्रवंशी, संतोष नायक, नीतू देवी, सोनी देवी,कैलाश महतो, सुशीला देवी, गीता देवी, विजय महतो, सरला देवी, सुमित्रा देवी, त्रिलोका देवी, बालेश्वर प्रजापति, मुनकी देवी, रूपा दता समेत सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।