भारतीय रेल आधुनिकीकरण में निकला एक कदम और आगे, पटरियों पर जल्द दौड़ेगा हाइड्रोजन ट्रेन

Ek Sandesh Live

इन दिनों भारत में “मेक इन इंडिया योजना” के तहत एक के बाद एक आधुनिक ट्रेनें बनाई जा रही हैं. किसी की स्पीड में इजाफा किया गया तो किसी के लुक में बदलाव किया गया. ऐसी कई सारी ट्रेन बनी हैं जो अपने आप में गुणी हैं. सबकी अपनी अलग विषेशताएं है पर इस बार “मेक इन इंडिया” के तहत बनने जा रही यह हाइड्रोजन ट्रेन, जो भारत को ही नहीं बल्कि पूरे दूसरे देशों को भी चौंकाने वाली है क्योंकि हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन पहली बार भारत में बनने जा रही है और बहुत कम समय में बनकर तैयार होने वाले प्रोजेक्टों में से एक साबित होगी.

बता दें, हाइड्रोजन ट्रेन सबसे पहले जर्मनी की कोराडिया आईलिंट हाइड्रोजन ईंधन सेल द्वारा संचालित पहली यात्री ट्रेन है. इस ट्रेन कि विशेषताएं कुछ इस प्रकार से हैं

– यह ट्रेन कम शोर करती है.

– इसमें धुएं नहीं निकलते हैं बल्कि भाप और स्प्रे वाटर या संघनित पानी निकलता है.

– अगर रफ्तार की बात करें तो यह ट्रेन एक बार में 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 1000 किमी दौड़ सकती है.

हालांकि, मेक इन इंडिया योजना के तहत भारत का पहला हाइड्रोजन ट्रेन बनाने की परियोजना पर काम करना शुरू हो गया है, जिसका काम 70 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है. हाइड्रोजन से चलने वाली यह ट्रेन ग्रीन इंडिया के लिहाज से देखा जाए तो काफी महत्वपूर्ण होने वाली है. बता दें, इस ट्रेन का पहला परीक्षण मैजूदा वित्त वर्ष में किया जाएगा. वहीं, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने बुधवार को जानकारी साझा करते हुए बताया कि उत्तर रेलवे ने हाइड्रोजन ट्रेन को बनाने का ठेका पहले ही दे दिया है. उन्होंने इंदौर में कहा था कि भारत में हाइड्रोजन ट्रेन को चलाना देश के लिए बहुत बड़ी तकनीकी सफलता मानी जाएगी. जबकि दुनियाभर में हाइड्रोजन से चलने वाली बेहतर ट्रेन तकनीकी अभी विकास के पड़ाव पर ही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेन के विषय में कुछ बातें सामने आई है.

-हाइड्रोजन से चलने वाली सभी ट्रेनों को मेक इन इंडिया के तहत भारत में बनाया जाएगा.

-इस ट्रेन को बनने से लेकर पटरी पर दौड़ाने तक में हजारों रोजगार पैदा होंगी.

-यह ट्रेन हाइड्रोजन इंधन सेल से चलेगी

-रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के द्वारा बताया गया कि हाइड्रोजन ट्रेन इस साल दिसंबर तक आएगी.