पांच परगना की सुंदर संस्कृति की संरक्षण ज़रूरी है : डॉ. करमचंद्र अहीर

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Eksandeshlive Desk

बुंडू : पंचपरगनिया भाषा कला संस्कृति मंच की तरफ से प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सूर्य मंदिर परिसर में 13वां बनभोज सह पुस मिलन समारोह 2025 मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद डॉ. दीनबंधु महतो द्वारा अध्यक्षीय भाषण से किया गया। इन्होंने संस्कार से ही संस्कृति की उपज होने की बात कही एवं हमारे विभिन्न संस्कारों को बतलाया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पंचपरगनिया भाषा विकास केन्द्रीय समिति के सचिव डॉ. करमचंद्र अहीर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पांच परगना की सुंदर संस्कृति की संरक्षण हेतु वर्तमान पीढ़ी को आगे आने का आवाहन किया।‌ समाजसेवी रामदुर्लभ सिंह मुंडा सूर्य मंदिर में 25 जनवरी को आयोजित विशाल टुसू मेला में पांच परगना में पंच परगनिया भाषा, मुंडारी भाषा एवं कुड़मालि भाषा से जुड़े समस्त कला प्रेमियों को निमंत्रण देकर हमारी इस साझा संस्कृति टुसू पर्व की परंपरा को बनाए रखने का संदेश लोगों तक पहुंचाने की बात कही।

सहायक प्राध्यापक डॉ. नरेंद्र कुमार दास ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में पंचपरगनिया भाषा से संबंधित सिलेबस में एकरूपता होने व विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न लेवल न होने से पंचपरगनिया भाषा पढ़ने वाले बच्चों को हो रही परेशानियों को संज्ञान में लेने की बात कही तथा उन्होंने आश्वासन दिया कि हम सब आयोग एवं कार्मिक विभाग से मिलेंगे एवं प्रतियोगिता को लेकर जो खामियां हैं दूर करेंगे। सहायक प्राध्यापक लक्ष्मीकांत प्रमाणिक ने सूर्य मंदिर परिसर पर वर्ष में दो बार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के पीछे अपनी पंचपरगनिया संस्कृति को संरक्षण देना एवं वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराना ही उद्देश्य होने की बात कही। बुंडू थाना के छोटा बाबू इन्द्रदेव उरांव ने इस कार्यक्रम को सराहना करते हुए कहा कि हमारी कला – संस्कृति को सभी बुद्धिजीवियों को आगे आकर प्रमोट करना चाहिए ताकि लोकगीत तथा लोकनृत्य बचे रहे।

इस कार्यक्रम में पंचपरगनिया भाषा कला संस्कृति मंच की तरफ़ से एक प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य पांच परगना के समस्त छात्रों का प्रतियोगिता परीक्षा के प्रति रुझान लाना है ताकि समस्त पांच परगना के छात्र एवं छात्राओं में राज्य स्तरीय समस्त प्रतियोगिता परीक्षा में रुझान आये। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बुद्धेश्वर प्रमाणिक (स्नातकोत्तर पंचपरगनिया विभाग रांची) ने लाया। द्वितीय स्थान प्रतिमा कुमारी (पांच परगना किसान कॉलेज बुंडू) एवं तृतीय स्थान ज्योतिलाल पाहान (पंचपरगनिया विभाग, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची) विजेता रहा। इन विजेताओं को पुरस्कार के रूप में मोमेंटो, पुस्तक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस समारोह में उपस्थित भाषा एवं कला के विद्वतजनों को विभिन्न छात्र एवं छात्राओं के द्वारा साॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत राजकिशोर स्वांसी एवं पुरेन्द्र नाथ अहीर के द्वारा वंदना गीत से किया गया। डीएसपीएमयू के राकेश स्वांसी ने वर्तमान में झारखंड में चल रही नारी उत्थान हेतू संचालित मंईयां सम्मान योजना से संबंधित गीत गाकर सभी को झुमाया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची, पांच परगना किसान काॅलेज बुंडू, डोरंडा काॅलेज रांची, सिल्ली कॉलेज सिल्ली,‌ स्नातकोत्तर पंचपरगनिया विभाग रांची विश्वविद्यालय रांची के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया एवं सभी ने कॉलेज वाइज सांस्कृतिक प्रोग्राम दिखाकर भाषा के साथ-साथ कला-संस्कृति को भी बचाए रखने का संदेश दिया।

इस अवसर पर पंचपरगनिया साहित्यकार गोरेन्द्र नाथ गोंझू, डॉ. वासुदेव महतो, डॉ. गोविन्द महतो, पुष्पा देवी, कृष्ण सिंह मुंडा, सुरेश चंद्र महतो, बीरेंद्र प्रसाद, राजकुमार बिंझिया (बुंडू प्रमुख), सैनाथ मुंडा, हलधर अहीर, सहदेव, शारण,‌ रंजीत प्रामाणिक, मोहित सेठ, प्रीतम, ललित, सुदर्शन, हेमंत, सुनीता, काजल कृष्णा, अंबिका, स्वाति, लखि, दिवाकर, नीतीश, मदन, प्रधान, जयराम, विजय, विष्णु,‌ अशोक, रमाकांत एवं प्रेस मीडिया के रूप में जगतपाल गोप, आशीष प्रमाणिक तथा अन्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन पुरेन्द्र नाथ अहीर द्वारा किया गया।