पलामू के 250 बर्खास्त कर्मियों को राहत की उम्मीद, मामला कैबिनेट में उठाया: मंत्री

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Eksandeshlive Desk

पलामू : सर्वाेच्च न्यायालय की ओर से पारित न्यायादेश के आलोक में पलामू जिले के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत करीब 250 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की सेवा बर्खास्त कर दी गयी। सारे कर्मी पुनः सेवा में बहाल के लिए गुहार लगा रहे हैं। इसे देखते हुए वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इस मामले को मंत्रिमंडल की बैठक में उठाया। ऐसे में बर्खास्त कर्मियों को राहत की उम्मीद है। पलामू पहुंचने पर शनिवार को डालटनगंज में पत्रकारों को जानकारी देते हुए मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मंत्रि परिषद की बैठक में बताया कि न्यायादेश के अनुपात में उपायुक्त, पलामू द्वारा 24 फरवरी 2025 को उनकी सेवा बर्खास्तगी का आदेश भी जारी कर दिया गया है, जबकि चतुर्थवर्गीय कर्मचारी पद पर सभी की नियुक्ति उपायुक्त कार्यालय, पलामू की ओर से प्रकाशित किए गए विज्ञापन के आलोक में किया गया था।

मंत्रिपरिषद की बैठक में किशोर ने बताया कि विज्ञापन से नियुक्त वैसे कर्मी जिनकी मृत्यु सेवा काल में हो जाने के कारण अनुकंपा के आधार पर आश्रितों को दिए गए नियुक्ति को भी रद्द कर दिया गया है। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मंत्रिपरिषद को जानकारी देेते हुए यह भी कहा था कि राज्य के लगभग सभी जिलों के लगभग 6,000 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति विज्ञापन के आलोक में की गयी थी। उच्च न्यायालय के द्वारा पारित न्यायादेश से सभी 6,000 कर्मचारी सेवा से बर्खास्त हो जायेंगे। सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायादेश का अनुपालन सिर्फ पलामू जिला में किया गया है। परिणाम स्वरूप झारखंड के 23 जिलों में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारी आज भी सेवा में बने हुए हैं। सिर्फ पलामू जिले के 250 कर्मचारी बर्खास्त कर दिए गए हैं। राधाकृष्ण ने मंत्रिपरिषद की बैठक में ये सुझाव दिया कि झारखंड के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को सेवा से मुक्त किए जाने के आलोक में पारित न्यायादेश के संदर्भ में राज्य सरकार को सर्वाेच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दाखिल करना चाहिए। समीक्षा याचिका के आलोक में जबतक सर्वाेच्च न्यायालय का न्यायादेश नहीं आता तबतक पलामू जिले के बर्खास्त सभी 250 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को पुनः सेवा में रहने दिया जाए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य सचिव अलका तिवारी को समीक्षा दाखिल करने के लिए वैधानिक प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि कार्मिक विभाग के अधिकारियों से बात कर शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।