पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी का पलड़ा भारी

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अशोक वर्मा

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण संसदीय सीट का चुनाव सम्पन्न हो चुका है, जनता को इंतजार है नतीजों का। कौन जीतेगा कौन हारेगा इसका तो पता 4 जून को चलेगा, किंतु राजनीतिक पंडित अपने अपने तरीके से हार जीत का दावा करते नजर आ रहे हैं। भाजपा से जुड़े कार्यकता के दावे की बात की जाय तो पता चलता है कि यह सीट भाजपा की झोली मे ही जायेगी चुकि यहां के आम मतदाता को भाजपा के काम पर पूरा विश्वास है, इस संबंध में भाजपा की तेज तर्रार महिला नेत्री डॉक्टर हेना चंद्रा कहती है कि लोगो ने माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किये गये विकास कार्य के मुद्दो पर भाजपा के पक्ष में अपना मतदान किया है। पिछली काग्रेस सरकार के कार्य काल में जो काम नही किया गया वह मोदी जी के दस साल के कार्यकाल में किया गया है, खास कर मोतिहारी के सांसद पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री, राधा मोहन सिंह के अथक प्रयास से मोतिहारी में केंद्रीय
विश्वविद्यालय की स्थापना की गई, और पिपरा कोठी में केंद्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र की स्थापना हुई। मोतीहारी की सड़के, एनएच की फोर लेन सड़को का निर्माण किया गया है। मोतिहारी में मदर डेयरी दुग्ध उत्पादक केंद्र, मोतीहारी रेलवे स्टेशन को विकसित कर विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है जिसके कारण लोगो ने भाजपा के पक्ष में अपना मतदान किया है। पूर्व जिला पार्षद गणेश कुमार सिंह का कहना हैं कि जनहित से जुड़े मामला फ्री राशन, उज्जवला योजना के तहत फ्री गैस कनेक्शन, किसान सम्मान निधि योजना के कारण लोगो को मोदी की गारंटी योजना पर पूरा विश्वास है इसलिए लोगो ने पूरे मन से भाजपा को समर्थन दिया और अपना मत भाजपा के पक्ष में किया है। जदयू के नेता दीपक पटेल ने बताया कि यहा के मतदाताओ ने नीतीश कुमार के द्वारा किए गए काम से प्रभावित होकर एनडीए उम्मीदवार राधा मोहन सिंह को भारी मतों से विजई दिलायेगी। वही इंडी गठबंधन के कार्यकर्ता अति उत्साह में दिखे ऐसे कार्यकर्ता इंडी महागठबंधन के उम्मीदवार डा राजेश कुमार कुशवाहा के जीत को पक्का मान रहे है। राजद के जिला उपाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि इस बार लोगो मे भाजपा के उम्मीदवार राधा मोहन सिंह से बेहद नाराज दिखी। इनके व्यवहार से चुनाव में काम करने वाले कार्यकर्ताओ मे उदासीनता थी। उस उदासीनता का लाभ इंडी महागठबंधन को मिला है। उम्मीदवार से नाराजगी ने लोगो को भाजपा के खिलाफ इंडी गठबंधन के पक्ष में मतदान करने के लिए मजबूर किया। कई मतदाताओ ने बताया कि भाजपा उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद लोग भाजपा उम्मीदवार से बेहद नाराज होकर एनडीए से दूरी बना ली थी, किंतु जैसे जैसे चुनाव नजदीक आता गया वैसे वैसे इनकी दूरियां कम होती गई और मोदी के आने के बाद तो लोगो ने राम मंदिर निर्माण को याद कर माहौल ही बदल दिया और भाजपा के पक्ष में लहर बना दिया। चुनाव के दिन तो देखा गया कि इंडी गठबंधन के उम्मीदवार की ओर से अधिकांश बूथों पर कोई पोलिंग एजेंट तक नही था। इंडी गठबंधन के ग्रामीण क्षेत्रों के कार्यकर्त्ता इस चुनाव को कांटे की टक्कर मान रहे हैं, अब देखना है उट किस करवट बैठेगा ।