अगले साल यानी 2024 में देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर सभी पीर्टियां अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गई हैं, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे हैं,और इसके तहत देश भर में भ्रमण कर रहे हैं. इसी बीच बीते कल यानी 13 जून को बिहार सरकार के कैबिनेट से संतोष मांझी ने इस्तीफा दे दिया है.बता दें संतोष मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे हैं. इसके बाद बिहार की राजनीतिक गलियारों में सियासत गर्म होती नजर आ रही है. इन मामलों पर राजनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार को घेरे में लिया है.
राजनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आज यानी 14 जून को जारी अपने बयान में बिहार में बने महागठबंधन को अवसरवादी बताया. प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रदेश की जनता ने इस सरकार को वोट नहीं दिया था. यह सरकार जुगाड़ टेक्नोलॉजी पर चल रही है जिसे जनता का विश्वास प्राप्त नहीं है. उन्होंने महागठबंधन की नई सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी यह नई सरकार एक-दो सालों में पांच से दस लाख नौकरियां दे देती है तो मैं इनके समर्थन में अपना जन सुराज अभियान वापस ले लूंगा, क्योंकि बिहार के लोगों के हित में ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे ही होगी.
वहीं प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर तंज करते हुए कहा कि बिहार में जो नियोजित शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं उन्हें तो समय पर आज सरकार तनख्वाह भी नहीं दे पा रही है. ये सरकार और नई नौकरियां कहां से दे पाएगी?