Eksandeshlive Desk
मेसरा: उपायुक्त के आदेश पर बीआईटी मेसरा इंजीनियरिंग कॉलेज के सुरक्षा को लेकर मंगलवार को मेसरा पूर्वी पंचायत सचिवालय में कांके सीओ की अध्यक्षता में बीआईटी प्रबंधन व बीआईटी मेसरा के विस्थापित रैयत संघर्ष समिति की बैठक की गई. ताकि दोनो में समन्वय स्थापित हो सके. बैठक में विस्थापित रैयतों के द्वारा अपना पक्ष रखा गया. रैयतों ने कहा कि बीआईटी के द्वारा लिए गए जमीन का अधिग्रहण व मुआवजा भुगतान से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत किया जाए. साथ ही यह भी कहा गया कि बीआईटी प्रबंधन द्वारा आदिवासियों का धार्मिक जमीन,पूजा स्थल व सार्वजनिक जमीन की भी घेराबंदी कर ली है. उनके द्वारा ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जाता है. रैयायों कि जो खाली जमीन है वह रैयतों को वापस किया जाए.
मेसरा मुखिया कुशल मुंडा ने कहा कि बिआईटी व रैयतों के बीच समन्वय स्थापित होनी चाहिए. रैयतों का हित सर्वोपरि है. बीआईटी प्रबंधन की ओर से डॉ. प्रियांक कुमार ने कहा कि सुरक्षित कैंपस होना चाहिए. देश विदेश के विद्यार्थी पढ़ने आते है. उन्होंने कहा कि हमलोग भी रैयतों से मिलकर समस्या का समाधान चाहते है. कांके सीओ जय कुमार राम ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि बीआईटी मेसरा कॉलेज अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश की धरोहर है. इसकी सुरक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नियम संगत जमीन का अधिग्रहण हुआ होगा तो अधिगृहित जमीन बीआईटी से कोई नहीं ले सकता है. परंतु नियम विरुद्ध अधिग्रहण हुआ होगा, तब उसके विरुद्ध कारवाई के लिए रिपोर्ट भेजेंगे. उन्होंने कहा कि इसकी भौतिक सत्यापन कर जांच करूंगा. उन्होंने कहा कि रैयतों व बीआईटी की समस्या को समझना जरूरी है, साथ ही विस्थापन का नियम भी लागू होगा. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इसका निराकरण कर लिया जाएगा. मौके पर जीप सदस्य संजय कुमार महतो, अंचल निरीक्षक बासुकी नाथ टुडू, जावेद अख्तर अंसारी, झब्बूलाल महतो,बाबूलाल महतो, विजय केशरी,कजरू मुंडा, ललित महतो, राम लाल महतो, करमु मुंडा, नागेंद्र महतो, महादेव करमाली, राजेश कुमार पाहन, शिवलाल महतो ने भी अपना-अपना पक्ष रखा.