रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ गोलबंद हुए ग्रामीण

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Eksandeshlive Desk

शिकारीपाड़ा : बाँकीजोर पंचायत अंतर्गत ग्राम सीतासाल, तालपामारा, जादुपाड़ा, राजूपाड़ा, सलाईपहाड़, मनियाचुंवा और बेहरापहाड़ी के ग्रामीणों ने जर्जर ग्रामीण पथ के पक्कीकरण सड़क निर्माण मांग को लेकर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षण हेतु आवाज बुलंद किया। जर्जर ग्रामीण पथ से परेशान ग्रामीणों ने समाज सेवी हाबिल मुर्मू और बाँकीजोर पंचायत मुखिया परमेश्वर मुर्मू के संयुक्त नेतृत्व में जिला उपायुक्त और उप विकास आयुक्त को एक लिखित माँग पत्र समर्पित कर आरईओ सड़क झिकरा ग्राम सीमा से तालपामारा और झरना मोड़ (मटियाजोरी) भाया सीतासाल होते हुए बेहरापहाड़ी तक पक्का सड़क निर्माण का मांग की।
ज्ञात हो कि देश के आजादी के अमृत महोत्सव मनाने के बाद भी संताल और आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल ग्राम सीतासाल, तालपामारा, जादूपाड़ा, राजूपाड़ा, सलाईपहाड़ी, मनियाचुँवा और बेहरापहाड़ी के ग्रामीण पक्की सड़क से वंचित हैं। ये सभी ग्राम जंगल तराई और उँची स्थान पर मौजूद है। जहाँ सड़क के अभाव में बीमार ग्रामीणों के लिए ऐंबुलेंस सेवा भी नसीब नहीं होता है। विशेषकर इन तमाम ग्राम के ग्रामीणों को बारिश के मौसम में बहुत कष्ट झेलना पड़ता है। पगडंडी पर कीचड़नुमा रास्ता पर खाली पैर पैदल चलना भी मुश्किल होता है। साइकिल और मोटरसाइकिल को पड़ोसी ग्राम में छोड़कर अपना घर वापस लौट आना पड़ता है। इन तमाम ग्राम के ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय तक आने के लिए तकरीबन पचीस-तीस किलोमीटर की घुमावदार दूरी सड़क भाया बाँसपहाड़ी-राजबाँध होकर आना पड़ता है।
आक्रोशित ग्रामीण बताते हैं कि कई बार स्थानीय विधायक नलिन सोरेन, सांसद सुनील सोरेन, स्थानीय प्रखंड प्रशासन सहित जिला प्रशासन को यथास्थिति से अवगत कराने के बावजूद भी कोई ठोस पहल नहीं हुआ। जिससे आजीज आकर वे रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाकर सड़क निर्माण माँग करने को विवश हुए हैं।