रंजीत कुमार
रांची: कुरमी विकास परिषद का 49 वा वार्षिक मिलन समरोह का आयोजन आरटीसी बीएड कोलेज बूटी के सभागार में केंद्रीय अध्यक्ष रंधीर कुमार चौधरी की अध्यक्षता में किया गया. मुख्य अतिथि पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि सरकार जातीय गणना कराए. जिसकी जितनी संख्या उसी के अनुपात में आरक्षण मिले. उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा एक सामाजिक बुराई है. उसे समाप्त करना जरूरी है. क्योंकि बेटी की शादी के लिए लोग अपनी जमीन बेच रहें है. उन्होंने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में बेटी की शिक्षा अनिवार्य है. साथ ही अपने बच्चो को संस्कारवान बनावें. चरित्र निर्माण से ही सभ्य समाज का निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि संगठित होकर संघर्ष करें. ताकि राजनीतिक लाभ मिल सके. सुषमा देवी जिला परिषद सदस्य ने अपने वक्तव्य कहा कि समाज का कुरितियों को हमलोग मिटाते रहेंगे लेकिन राजनीतिक उपेक्षा को समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता है, 23 सालों तक झारखंड एवं समाज को सत्ता पक्ष या विपक्ष हो सभी ने मिलकर झारखंड के खनिज संपदा को लूटने का काम किया है और समाज को ठगने का काम किया है, जो हमारे जात-समाज का हित का बात करेगा उसी को ही हमलोग वोट देंगे।
इनके अलावे पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित छूटनी देवी, गोमीया विधायक डॉ लंबोदर महतो, पूर्व विधायक केशव महतो कमलेश, संतोष महतो, पारस नाथ महतो, डॉ रुद्र नारायण महतो, कुरमी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार, झारखंड कुरमी महासभा महाचिव कारीनाथ महतो, अखिल भारतीय कुरमी महासभा राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ सुनील कश्यप, भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार महतो, झारखंड कुरमी विकास परिषद केंद्रीय सदस्य सुरेश प्रसाद, राजकुमार महतो, केंद्रीय सचिव सुनील कुमार महतो, ब्रजकिशोर गांधी, सोना लाल महतो, कैलास महतो, डॉ धनेश्वर, चिंता मनी महतो, आनंद राम महतो, शशिकला देवी, प्रो पार्वती महतो, मीना देवी, उर्मिला देवी, विनीता मेहता, संजय पटेल, पनेश्वर महतो, समाजसेवी जितेंद्र महतो, संजय महतो ने भी समाज के विकास के लिए अपनी बातों को रखा. कुरमी विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष रंधीर चौधरी ने अध्यक्षता करते हुए एक साल का लेखा जोखा प्रस्तुत किया. साथ ही पचास साल पूरे होने पर स्मारिका निकालने का निर्णय लिया गया. इससे पूर्व आयोजकों ने मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों का स्वागत किया. संस्थापक सदस्य चुनिंद्र महतो के निधन पर उनके आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. साथ ही राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की गई.