संविधान का दुरुपयोग कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा, हमारे लिए इसकी पवित्रता और अखंडता सर्वोपरि : प्रधानमंत्री

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी भावना को खत्म करना, कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा रहा है और हमारे लिए संविधान, उसकी पवित्रता और अखंडता सबसे महत्वपूर्ण है। यह केवल शब्द नहीं है बल्कि कसौटी के समय में हमने करके दिखाया है और हम तप करके निकले हुए लोग हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए सत्ता का सुख और सत्ता की भूख यही एकमात्र इतिहास है। कांग्रेस ने इसके लिए संविधान संशोधन किए हैं लेकिन हमने देश की एकता, अखंडता और उज्ज्वल भविष्य के लिए संविधान में संशोधन किये हैं और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को संविधान की 75 वर्ष की गौरव यात्रा पर लोकसभा में आयोजित चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि उनकी सरकार संकल्प से सिद्धि के मंत्र पर काम कर रही है और मानती है कि देश की एकता ही इसका आधार है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने देश की विविधता का उत्सव मनाने की बजाय इसमें जहरीले बीज बोने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने एक परिवार को आगे पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस एक परिवार का 55 वर्षों तक देश में शासन रहा है और उसकी कुरीति और कुनीति की परंपरा आज भी चल रही है। कांग्रेस ने संविधान को हर स्तर पर चुनौती दी है। 1951 में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करते हुए अध्यादेश लाने से यात्रा शुरू हुई थी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह में संविधान का शिकार करने का खून लग गया था और समय-समय पर उसने संविधान संशोधन किया और संविधान की भावना को लहूलुहान किया। कांग्रेस ने छह दशक में 75 बार संविधान को बदला। अब कांग्रेस पार्टी संविधान के आधार पर आरक्षण देने का निर्लज्ज प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्वयं अपने संविधान को नहीं मानती। कांग्रेस की कार्यसमितियों ने नेहरूजी के स्थान पर सरदार पटेल को प्रधानमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव किया था लेकिन उसे नजरअंदाज करते हुए वे प्रधानमंत्री बने।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में देश की एकता को मजबूत करने के लिए संविधान में संशोधन किए गए हैं। अनुच्छेद 370 को हटाया जाना और महिलाओं को आरक्षण देना हमारी सरकार की उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड और एक राष्ट्र एक हेल्थ कार्ड जैसे रिफॉर्म किए। आकांक्षी जिलों, पिछड़े वर्गों और गरीबों के उत्थान के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि 2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद से लोकतंत्र संविधान को मजबूती मिली है। गरीबों को मुश्किल से मुक्ति मिली है और हमें गर्व है कि हमने 25 करोड. लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।

प्रधानमंत्री ने रखे विकसित भारत @2047 के लिए 11 संकल्प

प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान की 75 वर्ष की गौरव यात्रा पर लोकसभा में आयोजित चर्चा के दौरान विकसित भारत @2047 के लिए देश के सामने 11 संकल्प रखे। इसमें नागरिक कर्तव्य, सबका विकास, भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, आरक्षण मिलता रहे और यह धर्म के आधार पर न हो, जैसे संकल्प शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में देर शाम तक चली चर्चा में अपने वक्तव्य में कहा, “आज मैं इस सदन के पवित्र मंच से 11 संकल्प सदन के सामने रखना चाहता हूं। चाहे नागरिक हो या सरकार हो… सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें। हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास हो। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो। देश के कानून, देश के नियम… देश की परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व होना चाहिए, गर्व का भाव हो। गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो। देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले। संविधान का सम्मान हो, राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए। संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है, उसको न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे। महिला नेतृत्व में विकास हो और भारत दुनिया के लिए मिसाल बने। राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास हमारा मंत्र बने। एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान के 75 वर्ष की यात्रा यादगार रही है। यह विश्व के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की यात्रा है। संविधान निर्माता की दूरदृष्टि के कारण ही हम आगे बढ़े हैं और 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक अतीत बहुत समृद्ध और विश्व के लिए प्रेरक रहा है। इसी कारण से भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान भारत की एकता का आधार है। विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता भारत की एकता है। 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनने पर लोकतंत्र और संविधान को मजबूती मिली है। गरीबों को मुश्किलों से मुक्ति मिले, उनकी सरकार का यह मिशन और संकल्प है। अगर हम अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करें तो कोई भी हमें विकसित भारत बनने से नहीं रोक सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारी हर योजना महिला केंद्रित होती हैं। यह बहुत ही अच्छा सहयोग है कि संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर देश के शीर्ष राष्ट्रपति पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है। हमारे सदन में और मंत्रिमंडल में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। आज भारत बहुत तेज गति से विकास कर रहा है, जल्द ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि आजादी की शताब्दी मनाने पर देश को विकसित भारत बना कर रहेंगे। प्रधानमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 370 का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि यह अनुच्छेद देश की एकता में दीवार बनकर पड़ा था। इसलिए हमने अनुच्छेद 370 को जमीन में गाड़ दिया। उन्होंने कहा कि बहुत से कम लोगों को 35ए के बारे में पता है। भारत के संविधान का अगर कोई पहला पुत्र है तो यह संसद है लेकिन 35ए के माध्यम से संसद का भी गला घोटने का काम किया गया था।