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रांची : राख बुध (लेंट पर्व) से शुरू हुई चालीस दिनों की प्रार्थना व उपवास के पुनरुत्थान का सफर पास्का पर्व (ईस्टर संडे) के साथ संपन्न हुआ । सभी गिरजाघरों में पास्का पर्व (ईस्टर संडे) पर प्रभु यीशु के जी उठने का पर्व मनाया गया। इस पर्व पर हजारों की संख्या में विश्वासियों ने अपने पूर्वजों के कब्र को फूलों से सजाया और मोमबत्तियां जलायी। रांची कांटाटोली स्थित कब्रिस्तान और सिरमटोली स्थित जीइएल चर्च कब्रिस्तान में अहले सुबह पुनरुत्थान पर्व पर विशेष आराधना की गयी। अहले सुबह चार बजे जीइएल चर्च विश्वासी कलीसिया प्रोसेशन (धार्मिक जुलूस) के साथ कब्रिस्तान पहुंची। धार्मिक जुलूस के मुख्य उपदेशक मोडरेटर जोहन डांग और संचालक बिशप सिमांत तिर्की थे।
यीशु का जी उठना निश्चित था : जोहन डांग
जोहन डांग ने अपने संदेश में कहा कि यीशु का जी उठना निश्चित था। बाइबल के अनुसार, क्रूस पर यीशु की मृत्यु के बाद जब यीशु का शरीर कब्र में था। यीशु के कब्र के पास मरिया मगदलिनी, चेलो पेतरूेश और मगदलिनी ने क्रब का पत्थर खुला देखा। एक जोर की आवाज आयी, जो स्वर्गदूते की थी। जीवितों को मरे हुए क्यों ढूंढते हो, वह जी उठा है। जैसा लिखा है देखो यीशु मेरा उद्धाकर्ता ठहरा हैं, मैं ना मरूंगा वरन जीवित रहुंगा। उन्होंने कहा कि आज वह दिन है, जो यहोवा ने बनाया है। हम उस में आनंदित हो, निश्चय यीशु ने मृत्यु पर विजय पायी हैं। हम सभी विश्वासी यीशु के पुनरुत्थान की घड़ी जी उठेंगे।
संत मरिया गिरजाघर में प्रात: छह बजे की गयी ईस्टर की पहली मिस्सा
एनडब्लू जीइएल चर्च के अनुयायी रात ढाई बजे स्मारक पत्थर से प्रोसेशन (धार्मिक जुलूस) के साथ विश्वासी कलीसिया कब्र तक गये। इसके मुख्य संचालन रेव्ह यीशु नासरी मिंज और मुख्य उपदेशक आर्चबिशप राजीव सतीश टोप्पो थे। वहीं बहुबाजार स्थित संत पॉल चर्च के विश्वासी कलीसिया प्रोसेशन कर कब्रिस्तान तक गये और अपने पूर्वजों के कब्र पर मोमबत्तियां जलायी। मौके पर मुख्य संदेशशमूएल भुईया ने कलीसियां को दिया। रांची के संत मरिया गिरजाघर में प्रात: छह बजे ईस्टर की पहली मिस्सा की गयी। यीशु के जी उठने के पर्व का पहला उपदेशक फादर विपिन टोपनो थे। उन्होंने कहा कि पुनरुत्थान पर्व सबसे बड़ा पर्व है। यीशु ख्रीस्त विश्वासी का यह प्रमाण है कि यीशु जीवित है, यीशु ने मृत्यु पर विजय पायी है। हम सभी विश्वासियों को लोभ, लालच, निंनद से संसारिक चीजों में विजय प्रप्त करना है यही ख्रीस्तीय जीवन है।