चतरा: 1857स्वतंत्रता संग्राम के नायक शहीद जयमंगल पांडेय के वंशज सचिदानंद पांडेय ने दिल्ली में लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात की ओर चतरा की 1857 स्वतंत्रता संग्राम और झारखंड के नायकों की भूमिका चतरा की युद्ध अंग्रेजो के साथ भारतीय संग्राम के बारे में बताया और कहा की चतरा ऐतिहासिक युद्ध की भूमि है जहा शहीद जयमंगल पांडेय और नादिर अली खा के साथ 150सौ लोगो को एक साथ फांशीहारा तलाब पर आम के पेड़ पर लटका दिया गया था कई भारतीय सैनिक भीषण युद्ध मारे गए इस युद्ध में शहीद जय मंगल पांडेय ने अपना शौर्य से 56अंग्रेजी सैनिकों को मार गिराए और पराक्रम का परिचय दिया उस बीरो की युद्ध की भूमि चतरा जो राष्ट्रीय पहचान होनी चाहिए आज गुमनाम है इसकी राष्ट्रीय पहचान हो इसके लिए केंद्र सरकार पहल करे ।साथ इन दोनो का भी देश के कोने कोने में स्टेचू लगे केंद्रीय स्तर पर शिक्षा में लाया जाय शहीद जयमंगल पांडेय पर लिखी पुस्तक भी सचिदानंद पांडेय ने भेट की माननीय लोक सभा स्पीकर महोदय ने आश्वासन दिया और सम्मान देते हुवे कहा की इसकी मानव सासाधान मंत्रालय को देकर पहल करूंगा इनकी बलिदानी फलस्वरूप आज आजादी की खुली सांस ले पा रहे है सभी को इन बीर क्रांतिकारियों को याद करना चाहिए देश आजादी की प्रथम युद्ध की भूमि चतरा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले मैं कार्य करूंगा सचिदानंद पांडेय ने लगभग 15 मिनट तक की वार्ता के समय देने के लिए स्पीकर महोदय का आभार प्रकट किया।