सीबीआई की कार्रवाई से आम्रपाली और मगध कोल परियोजना में मची खलबली

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कुमार कुलदीप
टंडवा (चतरा):
सीसीएल के सिविल विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की बड़ी कार्रवाई से आम्रपाली और मगध कोल परियोजना में सन्नाटा पसरा हुआ है। सीबीआई की एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने आम्रपाली के एक ठेकेदार से 25 हज़ार रुपए घूस लेते गिरफ्तार कर अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा दी है।आम्रपाली के पीओ कार्यालय में मंगलवार को शाम जैसे ही सीबीआई के अधिकारियों की चहलकदमी बढ़ी। कार्यालय में अफरा- तफरी मच गयी। सीबीआई के एसीबी की टीम ने जेई को हिरासत में लेने के बाद दस बजे रात तक जेई रामभज्जू और कैंटीन मैनेजर अशोक राम से कहीं पूछताछ करती रही। इस पूछताछ में जेई ने कमीशन वसूली के कुछ राज भी खोले हैं। इसके बाद टीम दोनों के सराढु स्थित भाड़े की आवास जाकर तलाशी अभियान ।सीसीएल के सिविल विभाग में तैनात जूनियर इंजीनियर रामभज्जू पिता रामानंद दास बिहार के निवासी है जी पांच साल पूर्व आम्रपाली में योगदान दिए थे। बताया गया कि बसंत बिहार नामक कंपनी को आम्रपाली में गेस्ट हाउस का काम मिला था। सूत्रों के अनुसार बसंत बिहार कंपनी ने केयर टेकर के रूप में बचरा के बिशु झापा के नागेश्वर राम को सौंपा था। पिछले अगस्त 2023 से नवम्बर माह 23 तक का 4.50 लाख का बिल भुगतान के लिये जेई से संपर्क साधा तो आरोप है कि जेई ने छह प्रतिशत कमीशन की मांग की। कमीशन कैटीन मैनेजर अशोक राम के हाथों लिया जा रहा था।

एनआइए के बाद सीबीआई की दबिशक्या है मामला
टेरर फंडिंग के मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी एनआईए आम्रपाली में जांच कर चुकी है। इस मामले में आम्रपाली के पहले जीएम एके ठाकर जेल जा चुके हैं। जबकि दूसरे मामले में 25 हजार घूस लेते सीबीआई की टीम सीसीएल के जेई को गिरफ्तार किया है। अब इसकी जांच की आव कहां तक जायेगी आने वाला वक्त में पता चलेगा।सीसीएल आम्रपाली चंद्रगुप्त से जुड़े सिविल विभाग के ठेकेदारों के लिए होली बेरंग हो गया। बताया गया कि सीबीआई टीम के द्वारा जेई रामभज्जू की गिरफ्तारी से सीसीएल के ठेकेदारों के लिए होली हुआ बेरंग के बाद ठेकेदारों का कहना है कि बिल प्रोसेसिंग अब पूरी तरह प्रभावित होगी।इधर 31 मार्च सिर पर होने के कारण करोड़ों की राशि लैप्स होने की अंदेशा है।ठेकेदार नागेश्वर राम और कैंटीन मैनेजर अशोक राम का रिश्ता मामा- भांजे का है। बहरहाल देर रात सीबीआई की छापेमारी के बाद बुधवार की सुबह अधिकारी को रांची ले गए।जेई रामभज्जू का कैंटीन मैनेजर दलाल था। सबसे चौकाने वाली बातें यह है कि का आम्रपाली में जो कैंटीन चल रहा है।उसका ठेका नागेश्वर राम को मिला था।बताया गया कि आम्रपाली में कैंटीन मैनेजर अशोक राम और जेई रामभज्जू की गिरफतारी के बाद सीबीआई की एसीबी की टीम पहले कैंटीन मैनेजर अशोक के सराडू स्थित घर को तलाशी ली। उसके बाद टंडवा स्थित भाड़े के चमेली भवन का कमरा और एक पारिवारिक भाड़े की क्वार्टर में छापेमारी कर हर चीज को खंगाला। दस बजे रात से लेकर 12 बजे रात तक कमरे में तलाशी अभियान चलता रहा। सूत्रो की माने तो जेई रामभजू ने सीबीआई के समक्ष उगले कई गोपनीय राज।तीन से अधिक बड़े अधिकारी रडार पर है जिसकी गिरफ्तारी सीबीआई बहुत जल्द कर सकती है। एसीबी की करवाई से आम्रपाली परियोजना में खलबली मच गई है।कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है।