sunil Verma
रांची: कांके रोड़ स्थित सीएमपीडीआई परिसर में ज्ञान और रूचि का एक छिपा हुआ खजाना है। यह ब्रह्मांड के निर्माण से संबंधित जानकारी और वस्तुओं का छोटा, लेकिन उल्लेखनीय रूप से सुरूचिपूर्ण प्रदर्शन है। यह हमारी पृथ्वी के कई पहलुओं, धन, संसाधनों और समृद्धि को दशार्ता है। सीएमपीडीआई मुख्यालय के ग्राउंड फ्लोर में स्थित भूविज्ञान संग्रहालय वास्तव में अपनी सामग्री और प्रदर्शन में आकर्षक है और ज्ञान के सभी साधकों के लिए रूचि का स्रोत है। सीएमपीडीआई प्रबंधन ने खास कर स्कूल के विद्यार्थियों के लिए व आम जनता के जानकारी के लिए प्रत्येक सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार को संग्रहालय खुला रहता है ताकि अधिक से अधिक जानकारी लोगों को मिल सके । किंतु शनिवार को विश्व संग्रहालय दिवस होने से सभी के लिए संग्रहालय खुला रहेगा ।
सीएमपीडीआई संग्रहालय की झलक
सीएमपीडीआई, एक बौद्धिक संगठन के रूप में एक ऐसा संग्रहालय स्थापित करने के लिए तैयार था, जो सार्वजनिक हित के लिए समग्र जानकारी और ज्ञान की व्यापक पृष्ठभूमि के साथ-साथ खनन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करे। वर्ष 1991 के आसपास कोल इंडिया प्रबंधन ने इस प्रयास के लिए हरी झंडी दी। संग्रहालय का मूल डिजाइन एक इन-हाउस आर्किटेक्ट के द्वारा तैयार किया गया था. इसके अनुमोदन के बाद प्रसिद्ध कलाकार और कार्यान्वयनकर्ता, आरए दत्त, को प्रदर्शित किए जाने वाले वस्तुओं के निर्माण और इसकी स्थापना के लिए विधिवत प्रक्रिया के द्वारा चयन किया गया था।
भूविज्ञान संग्रहालय का उद्घाटन जुलाई 1991 में किया गया था और यह 1400 करोड़ साल पहले ब्रह्मांड की रचना के साथ शुरू होता है। इसमें लगभग 450 करोड़ साल पहले के सौर मंडल और हमारे ग्रह पृथ्वी का निर्माण भी शामिल है। इस संग्रहालय में ये और कई अन्य मॉडल और डायोरमास एनिमेटेड हैं जो आगंतुकों के लिए इसे रूचिकर बनाते हैं। इसमें ज्वालामुखियों, महासागर, पृथ्वी पर जीवन के आगमन और इसके विकास की कहानियों को बताया गया है। कई दुर्लभ और वास्तविक नमूने जैसे शंख, जीवाश्म, डायनासोर की हड्डियों, भूवैज्ञानिक खजाने, विभिन्न प्रकार के क्रिस्टल और रत्न शामिल हैं, जिसे यहां प्रदर्शित किया गया है। जलीय क्रिया के कारण चूना पत्थर प्रदेशों में निर्मित भू-आकृतियां जो कास्ट लैंडफार्म है, को भी दशार्या गया है। इसमें स्टैलेक्टाइट एवं स्टैलेग्माइट भी शामिल है। इस संग्रहालय में पेड़ों के पेट्रीफाइड (पाषाणकृत) तना के नमूने भी संग्रहित है। मनुष्य का विकास और गुफाओं में आदमी कैसे रहते थे, को मॉडल के माध्यम से दशार्या गया है। पृथ्वी का क्रॉस-सेक्शन, समुद्र की सतह से पेट्रोलियम का निष्कर्षण और इसके शोधन जैसे भूवैज्ञानिक अभिरूचि वाली वस्तुओं को दिखलाया गया है। एक दिलचस्प मॉडल चंद्रमा पर लूनर मॉड्यूल की लैंडिंग को भी दशार्या गया है।