कोल इंडिया स्तर पर सीएमपीडीआई को 7 पुरस्कार प्राप्त
Sunil Verma
रांची : मिनी रत्न कम्पनी सीएमपीडीआई द्वारा कोल इंडिया स्थापना दिवस-2023 समारोह को संस्थान के निदेशक (तकनीकी/सीआरडी) शंकर नागाचारी ने कोल इंडिया के झंडे को फहरा कर किया। समारोह की शुरूआत कॉरपोरेट गीत से हुई। इस मौके पर संस्थान के निदेशक (तकनीकी/पीएंडडी) अजय कुमार, निदेशक (तकनीकी/ईएस) सतीश झा, निदेशक (तकनीकी/आरडीएंडटी) अच्युत घटक, मुख्य सतर्कता अधिकारी सुमीत कुमार सिन्हा, वरीय सलाहकार (माइनिंग) ए0के0 राणा, जेसीसी सदस्य, सीएमओएआई के प्रतिनिधि के अलावा सीएमपीडीआई परिवार के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर नागाचारी ने कहा कि देश की अपेक्षाओं के अनुरूप कोल इंडिया कुल बिजली उत्पादन में बड़े पैमाने पर लगभग 55 प्रतिशत योगदान दे रही है और देश की प्राथमिक वाणिज्यिक ऊर्जा आवश्यकताओं का 40 प्रतिशत पूरा करती है। कोल इंडिया के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सीएमपीडीआई अपने स्तर पर वर्ष 22-23 में 29 जियोलॉजिकल रिपोर्ट्स (जीआर) के माध्यम से 383 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को शामिल कर विस्तृत गवेषण के जरिए लगभग 10 बिलियन टन कोयला संसाधनों को प्रमाणित श्रेणी में जोड़ा है। वर्ष 23-24 में 31 जीआर बनाने का एमओयू लक्ष्य रखा गया है। विभागीय स्तर पर 2डी/3डी सिस्मिक सर्वेक्षण पर जोर देने के तहत वर्ष 22-23 में 163 लाइन किलोमीटर सिस्मिक सर्वे किए गए जो कि विभागीय संसाधनों द्वारा अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल 190 लाइन किलोमीटर विभागीय 2डी/3डी सिस्मिक सर्वे का एमओयू लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष के दौरान सीएमपीडीआई ने 7 लाख मीटर एमओयू लक्ष्य की तुलना में 6.85 लाख मीटर ड्रिलिंग की है तथा चालू वित्त वर्ष में 7.5 लाख मीटर ड्रिलिंग का एमओयू लक्ष्य रखा गया है। नागाचारी ने कहा कि सीएमपीडीआई ने एनआईसी के सहयोग से कोल इंडिया के लिए नया कोल ई-आॅक्शन प्लेटफार्म विकसित किया है। अभी तक सीसीएल, बीसीसीएल एवं एमसीएल के लिए इस प्लेटफार्म से 15 नीलामियां सफलतापूर्वक आयोजित की गयी हैं जिनमें कुल करीब 61 लाख टन कोयले की नीलामी हुई है। यह कार्य सीएमपीडीआई के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और आगे चलकर संस्थान के लिए यह आय का एक बड़ा स्रोत हो सकता है। इसके अतिरिक्त, सीआईएल के सहयोग से सीएमपीडीआई डेटा एनालाइटिक्स के क्षेत्र में सेंटर आॅफ एक्सीलेंस बनाने की दिशा में अग्रसर है। दीर्घकालीन लक्ष्य में सीआईएल में डेटा एनालाइटिक्स का एक इको-सिस्टम बनाना है। इस क्षेत्र में कई उपयोग मामले (यूज केसेस) पर काम किया गया है और गतिशील डैशबोर्ड बनाए हैं, जो औपचारिक रूप से लांच होने वाले हैं।